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राज्यसभा से भी पास हुआ दिल्ली में उप राज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने वाला विधेयक, कांग्रेस सहित चार पार्टियों के किया सदन से वॉकआउट - Prakhar Prahari
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राज्यसभा से भी पास हुआ दिल्ली में उप राज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने वाला विधेयक, कांग्रेस सहित चार पार्टियों के किया सदन से वॉकआउट

दिल्ली से संबंधित में एनसीटी एक्ट(NCT Act) यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने वाले इस विधेयक को पेश किए जाने के बाद राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस सहित चार दलों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया।

समाजवादी पार्टी के सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये बिल असंवैधानिक है। िसके बाद निषाद से वॉकआउटट किया। वहीं वाईएसआर (YSR) कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भी राज्यसभा से वॉकआउट किया।

इससे पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल सांसद प्रसन्ना आचार्य ने बिल के विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने तय किया है कि वह इस बिल का समर्थन नहीं करेगी। ये बिल चुनी हुई सरकार की ताकत को कम करता है। उन्होंने कहा कि हम बिना किसी हंगामे के हम सदन से वॉकआउट कर रहे हैं।

आपको बता दें कि एनसीटी एक लोकसभा में 22 मार्च को ही पास हो चुका है। लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इसे पेश किया था। यह बिल चुनी हुई सरकार के मुकाबले उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाता है। बिल में प्रावधान है कि दिल्ली सरकार को कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले उप राज्यपाल की राय लेना जरूरी होगा।

जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में इस बिल को पेश करते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार का स्टेंड कई मुद्दों पर क्लीयर नहीं रहा है। इसलिए कुछ मामले अदालतों में भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इसे राजनीतिक विधेयक नहीं कहना चाहिए। दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है। इस बिल से प्रशासन के कामकाज का तरीका बेहतर होगा।

उन्होंने ने कहा था कि 1996 से केंद्र और दिल्ली की सरकारों के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। सभी मतभेदों को बातचीत के जरिए हल किया गया, लेकिन 2015 के बाद से इसमें परिवर्तन देखने को मिले हैं। कई मामलों में दिल्ली हाई कोर्ट में मामले दायर किए गए। इनमें कुछ फैसले भी आ चुके हैं। कोर्ट ने यह भी फैसला दिया है कि सिटी गवर्नमेंट के एग्जीक्यूटिव इश्यू पर उप राज्यपाल को सूचना दी जानी चाहिए।

इस बिल के राज्यसभा सेपास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई । उन्होंने कहा कि जीएनसीटीडी अमेंडमेंट बिल पास होना दिल्ली के लोगों का अपमान है। यह विधेयक उन लोगों से अधिकार छीनता है, जिन्हें लोगों ने वोट देकर सरकार को चुना है और जो लोग हार गए थे, उन्हें दिल्ली चलाने के लिए शक्तियां देता हैं। बीजेपी ने लोगों को धोखा दिया है।

अब आपको बताते हैं कि एनसीटी (NCT) एक्ट क्या है। इस एक्ट में प्रावधान है कि दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर एलजी से 15 दिन पहले और प्रशासनिक मामलों पर करीब सात दिन पहले मंजूरी लेनी होगी, जिसका दिल्ली सरकार विरोध कर रही है।

Shobha Ojha

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