File Picture

क्या पेट्रोल-डीजल मौजूदा समय के दाम से आधे दाम पर मिल सकते हैं। इसका उतर हां है। यह संभव हो सकता है, यदि सरकार इन दोनों ईंधनों को जीएसटी (GST) यानी वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में ला दे, लेकिन बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ने बुधवार को आपकी इस उम्मीद पर पानी फेर दिया। सुशील मोदी ने जीएसटी के मुद्दे पर राज्यसभा में बड़ा बयान देते हुए कहा कि आठ से 10 साल तक यह संभव नहीं है यानी सुशील मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि लोग आठ से 10 साल यह उम्मीद न पालें।

उन्होंने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल को आठ से 10 साल तक जीएसटी के दायरे लाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि पेट्रोल तथा डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो राज्यों को दो लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल से केंद्र और राज्य सरकारों के खजाने में पांच लाख करोड़ रुपए आते हैं।आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि जीएसटी  काउंसिल की अगली बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा होगी, लेकिन सुशील मोदी का यह बयान सीतारमण की तरफ से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से राहत की उम्मीद को खत्म करने वाला है।

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक मुताबिक यदि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरों में लाया जाता है, तो देश में पेट्रोल की कीमत 75 रुपए और डीजल के दाम  68 रुपए प्रति लीटर पर आ सकता है। यानी जीएसटी के दायरों में लाने के बाद पेट्रोल 15 से 30 रुपए प्रति लीटर और डीजल 10 से 20 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो जाएगा।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गए हैं। गत 15 दिनों में इसमें 11 प्रतिशत की कमी आ गई है। हालांकि पिछले साल से तुलना में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2020 में कच्चा तेल 25 डॉलर प्रति बैरल था, जो अभी 60 डॉलर प्रति बैरल पर है।

अब बात करते हैं कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो केंद्र तथा राज्य सरकारों पर क्या असर पड़ेगा। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर केंद्र की तरफ से लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार का वैट हट जाएगा। इसके बाद सिर्फ 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसमें 14 प्रतिशत केंद्र और 14 फीसदी राज्य सरकार के खजाने में जाएगा। मौजूदा समय में केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32.90 प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलतू है, लेकिन जीएसटी के बाद पेट्रोल पर 5.21 रुपए और डीजल पर 5.28 रुपए रह जाने की उम्मीद है।

वहीं कई राज्य सरकारें पेट्रोल पर 30 प्रतिशत से ज्यादा का वैट वसूलते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 30 प्रतिशत और डीजल पर 16.73 प्रतिशत वैट वसूला जाता है। ये पेट्रोल पर 21.04 और डीजल पर 11.94 रुपए है। यदि पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाते हैं, तो दिल्ली सरकार को सरकार को पेट्रोल-डीजल से होने वाली कमाई 200 फीसदी से भी कम हो जाएगी। साल 2020-21 के पहले 10 महीने में ही सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 2.94 लाख करोड़ रुपए कमा चुकी है।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here