दूध पिलाने वाली माताओं को इन चीजों से परहेज करना जरूरी

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नई दिल्ली. स्तनदा महिलाओं को कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि दूध बनने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही, इसका प्रतिपल एहसास करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि बच्चा उसी पर निर्भर होता है। गर्भावस्था के बाद भी शिशु को दूध पिलाते समय कई बार पर्याप्त दूध नहीं बनने की शिकायतें आती हैं। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय ‘कुछ’ चीजों को खाने से बचना चाहिए-

1.खट्टे फल : खट्टे फलों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है, लेकिन इसकी वजह से शिशु का छोटा-सा पेट खराब हो सकता है। शिशु का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मार्ग विकसित नहीं हुआ होता है इसलिए वो खट्टे फलों में मौजूद एसिड को पचा नहीं पाता है। इसकी वजह से शिशु को डायपर रैशेज, चिड़चिड़ापन, दूध निकालने की दिक्कत हो सकती है।

2.ब्रोकली : इसका सेवन फीडिंग के दौरान फायदे की जगह नुकसान दे सकता है। रात को ब्रोकली खाने के बाद, अगर सुबह आपके बच्चे को गैस की शिकायत हो जाती है तो समझ लें कि इसकी वजह ब्रोकली है। प्याज, पत्तागोभी, फूलगोभी और खीरा ब्रेस्टफीडिंग के दौरान न खाएं।

3.पुदीना : अधिक मात्रा में पुदीना लेने से ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन कम हो सकता है। जब भी आप पुदीना खाएं, तो उसके बाद नोटिस करें कि ब्रेस्ट में कितना दूध आ रहा है। शिशु को दूध छुड़वाने के बाद ब्रेस्ट में दूध को कम करने के लिए अक्सर महिलाएं पुदीने की चाय पीती हैं।

4.मूंगफली : शिशु को स्तनपान करा रही हैं, तो मूंगफली खाने से बचें। मूंगफली में एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन हो सकते हैं जो ब्रेस्ट मिल्क में मिलकर शिशु तक पहुंच सकते हैं। इससे शिशु को घरघराहट की आवाज आना, हीव्स या रैशेज हो सकते हैं।

5.लहसून : लहसुन की गंध का असर ब्रेस्ट मिल्क की खुशबू पर पड़ सकता है। हो सकता है कि इसकी खुशबू की वजह से शिशु का दूध पीने का ही मन न करे। मसालेदार खाना भी कुछ बच्चों को पसंद नहीं आता है। ऐसे में अपने खाने में मसालों का इस्तेमाल कम से कम करें।

6.चॉकलेट : चॉकलेट में थियोब्रोमाइन खूब होता है और यह कैफीन की तरह ही प्रभाव देता है। ब्रेस्टफीडिंग के समय चॉकलेट कम खाएं। अगर चॉकलेट खाने के बाद दूध पीने पर आपका बच्चा रोता है तो समझ लें कि बच्चे को यह सूट नहीं कर रही है।

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