एनसीपी (NCP) यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार सोमवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के बचाव में उतरे। उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए देशमुख पर लगे आरोपों को निराधार बताया, लेकिन इस दौरान पवार ने देशमुख के बचाव में जो तर्क दिए उन पर उंगलियां उठने लगी है। शरद पवार ने कहा कि पांच से 15 फरवरी के बीच देशमुख कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती थे, इसलिए सचिन वाजे से मिलने का सवाल ही नहीं, लेकिन मीडिया ने पवार को देशमुख का एक ट्वीट दिखाया जिसमें वह 15 फरवरी को संवाददाताओं को संबोधित कर रहे हैं, तो वह इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
शरद पवार ने संवाददाताों को देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा भी दिखाया और कहा कि देशमुख कोरोना के कारण पांच से 15 तक वह नागपुर के अस्पताल में भर्ती थे। उसके बाद 16 फरवरी से 27 फरवरी तक वह होम आइसोलेट थे। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि देशमुख पर लगे आरोप गलत हैं, ऐसे में उनके के इस्तीफे का सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह के आरोपों से महाविकास अघाडी सरकार पर कुछ असर नहीं पड़ेगा।
उधर, बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अनिल देशमुख का 15 फरवरी का वह ट्वीट शेयर कर दिया, जिसमें देशमुख मीडिया से किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने वाले सिलेब्रिटीज का जिक्र कर रहे थे।
Sharad Pawar claims Anil Deshmukh was in hospital from 5-15 Feb and in quarantine from 16-27 Feb.
But Anil Deshmukh was holding a press conference on 15 Feb…
How lies fall flat! https://t.co/ceZGxFaIYz
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 22, 2021
इस मुद्दे पर पहले तो पवार के स्टाफ ने यह कहने की कोशिश की कि अनिल देशमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस से बात कर रहे थे, लेकिन यह तर्क चल नहीं पाया तो पवार ने यह कह कर बात घुमाने की कोशिश की कि देशमुख के मुद्दे को हवा देकर असली बात पर पर्दा डाल रहे हैं। उनका कहना था कि सबसे अहम है कि अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक कहां से आए, मनसुख हिरेन का मर्डर किसने और क्यों किया यह जानना ज्यादा जरूरी है। देशमुख पर लगे वसूली करवाने के आरोप इतने अहम नहीं हैं।