महाराष्ट्र में इस समय सियासी पारी हाई है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हुई है। सूब में जब से महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार सत्ता में आई है, तब से राज्य लगातार राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा है। बात चाहे सरकार बनाने को लेकर चली खींचतान की हो या फिर बाद में कोरोना के कुप्रबंधन की। मौजूदा समय में राज्य मुंबई पुलिस की ‘कारनामों’ की वजह से राष्ट्रीय मीडिया में छाया हुआ है। सबसे पहले मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक रखने के आरोप में मुंबई पुलिस के सहायक निरीक्षक सचिन वाजे फंसे। फिर मुंबई के पुलिस के आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर तहालका मचा दिया।
परमबीर ने सीधे-सीधे राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया। परमबीर ने देशमुख पर वाजे के जरिए उगाही कराने का आरोप लगाया। उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को एक लंबी-चौड़ी चिट्ठी लिख डाली। सीधे अनिल देशमुख को निशाने पर लेते हुए सिंह ने दावा किया कि गृहमंत्री ने वझे को बार और हुक्का पार्लरों से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट दिया था। देशमुख ने कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने मानहानि का मुकदमा करने की बात तक कही है।विपक्षी पार्टी बीजेपी के साथ ही कांग्रेस भी देशमुख का इस्तीफा मांग रही है, जबकि शिवसेना के संजय राउत कह रहे हैं कि ‘सरकार में शामिल सभी दलों को आत्म परीक्षण करने की जरूरत है। कुल मिलाकर देशमुख का जाना तय माना जा रहा है।
आपको बता दें कि मुंबई पुलिस में रहे ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे पर मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक भरी गाड़ी रखने का आरोप है। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। वाजे पर मनसुख हिरेन की ‘हत्या’ को लेकर भी शिकंजा कसता जा रहा है।
पहले उद्धव सरकार ने कोरोना में पुलिसकर्मियों की कमी वजह बताकर वाजे को पुलिस फोर्स में बहाल किया और फिर उन्हें वीआईपी केसेज असाइन किए गए, उससे कई और सवाल पैदा होते हैं।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम चाहते हैं कि शरद पवार जवाब दें क्योंकि वे ही महाराष्ट्र सरकार के ‘आर्किटेक्ट’ हैं। वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सवाल उठाया है कि ‘परमबीर सिंह ने कमिश्नर रहते हुए यह खुलासे क्यों नहीं किए?’ अल्वी ने कहा कि ‘देशमुख को फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए और जिन पुलिसकर्मियों का नाम आया है, उनको भी सस्पेंड करना चाहिए।’
इस मामले को लेकर बीजेपी हमलावर है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि एएनआई को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि मुंबई पुलिस की यह हालत है तो आप महाराष्ट्र राज्य की कल्पना कर सकते हैं।” वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई बीजेपी नेताओं ने अनिल देशमुख पर निशाना साधा है। फडणवीस ने कहा है कि सीएम उद्धव ठाकरे को देशमुख को पद से हटा कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए।
एमएनएस भी इस मामले में कूद पड़ी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अनिल देशमुख से फौरन इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कर कहा, “मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की मुख्यमंत्री को चिट्ठी विस्फोटक है। यह महाराष्ट्र की छवि को खासा नुकसान पहुंचाने वाली है। अनिल देशमुख को फौरन अपना इस्तीफा देने की जरूरत है और पूरी जांच होनी चाहिए।”
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ‘सरकार के मंत्री पर इस तरह का आरोप लगना कष्टदायक है। उन्होंने कहा, ”सरकार में शामिल लोगों को अपने पैर देखना चाहिए कि वो जमीन पर हैं या नहीं।“