वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करने को लेकर देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है। इस बीच वैक्सीन को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। लोगों की आशंकाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने टीकों को लेकर आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि दुनियाभर में वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी गई है और हम सभी को वैज्ञानिकों के विश्लेषण तथा वैक्सीन पर विश्वास करना चाहिए।

प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश-दुनिया में बहुत सारे लोगों के मन में आशंका है कि कोरोना वायरस का टीका आने वाले समय में नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा? उन्होंने कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि देशवासियों को कोविड-19 टीकों को लेकर कोई भ्रम नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे वैज्ञानिक परीक्षणों और अध्ययनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने टीकों की जो सुविधा उपलब्ध कराई है, उसका सभी को लाभ उठाना चाहिए और अपने निवास स्थान के पास के निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर टीका लगवाकर सभी को सुरक्षित होना  चाहिए।

आपको बता दें कि बिट्टू ने कोरोना टीकों से भविष्य में लोगों के डीएनए पर दुष्प्रभाव पड़ने संबंधी आशंकाओं को लेकर पूरक प्रश्न पूछा था। इसके जवाब में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आज के समय में कई बीमारियों से होने वाली मौत को टीके लगाकर रोका जा सकता है। टीकों की मदद से ही देश में चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को समाप्त किया गया है और केवल दो देशों में पोलियो थोड़ा बचा है और वह भी जड़ से समाप्त होने की ओर है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई स्तर पर अनेक लोगों पर वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद टीकों को समाज में इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती है। हर्षवर्धन ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के आधार पर विशेषज्ञ समितियां टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी देती हैं। उन्होंने बताया कि टीकों का पूरी दुनिया में सात स्थानों पर स्वतंत्र तरीके से आकलन होता है जिनमें फरीदाबाद स्थित जैवप्रौद्योगिकी संस्थान भी है।

उन्होंने कहा कि देश में अब तक लगभग साढ़े तीन- चार करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है और महज .000432 प्रतिशत प्रतिकूल प्रभाव होने की खबरें हैं।

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