ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर पूरा दुनिया में चर्चा है. चर्चा इसलिए है क्योंकि इसे लेकर शिकायतें सामने आई हैं. दुनिया के चार देशों फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी ने इसके इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है. इनका कहना है कि वैक्सीन के इस्तेमाल से लोगों को ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत हो रही है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन देशों से अपील की है कि वो वैक्सीन का इस्तेमाल जारी रखें. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिश्चन लिंडिमायर का कहना है कि उनकी टीम वैक्सीन को लेकर मिले शिकायत की जांच कर रही है. साथ ही उन्होंनें ये भी कहा कि फिलहास ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे ये कहा जाए कि ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन सुरक्षित नहीं है. इस बीच ब्रिटेन ने भी कहा है कि वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की कोई शिकायत नहीं मिली है. वैक्सीन को लेकर डब्ल्यूएचओ की बैठक भी होगी.

बता दें कि यूरोप में कई दशों से वैक्सीन लेने के बाद ब्लड क्लॉटिंग की रिपोर्ट आई है. लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल वैक्सीन को ब्लड क्लॉटिंग से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए. यूरोपिय संघ के देश और ब्रिटेन में अब तक करीब 17 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज़ दी गई है. इनमें से सिर्फ 40 ऐसे केस आए हैं जहां लोगों ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायक की है.

बता दें कि इटली के दवा नियंत्रक ने सोमवार को एहतियाती कदम उठाते हुए एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी. इटली ने कहा कि यह फैसला अन्य यूरोपीय देशों की ओर से उठाए गए कदमों के मद्देनजर लिया गया. इटली के उत्तरी पिडमोंट क्षेत्र में 57 वर्षीय एक शिक्षक ने शनिवार को टीका लगवाया था और रविवार सुबह उसकी मौत हो गई. इस मामले सहित अन्य ऐसे मामलों में शवों को परीक्षण के लिए भेजा गया है. फ्रांस और जर्मनी ने भी सोमवार को टीके के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी.

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