मुंबई. उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास मिली स्कार्पियो में विस्फोटक मिलने के मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार, भाजपा ने दावा किया है कि सचिन वझे ने पहली ही बार में कई राज उगले हैं। दावे के अनुसार, उसने कहा है कि मैं तो इसका छोटा सा हिस्सा हूँ। इसमे कई शिवसेना नेताओं का हाथ है।
बता दें कि अंबानी के घर के पास कार लाकर रखने के पीछे का उद्देश्य क्या था, इसकी तफ्तीश तेज है। दिल्ली के तिहाड़ से लेकर मुंबई के राजनीतिक गलियारों तक अजीबोगरीब सूत्र जुड़ रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वझे का शिवसेना से किसी भी प्रकार का संबंध न होने की बात स्पष्ट की है। वहीं, कारवाई के लिए लगातार आवाज़ उठाने वाली भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर के माध्यम से बहुत बड़ा दावा किया है और कहा है कि सचिन वझे ने जांच के दौरान शिवसेना नेता का नाम लिया है, मगर किसका यह अभी सामने नहीं आया है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि जिस प्रकार से मामले में तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि राज्य के सीएम और गृह मंत्री उसको बचाने का काम कर रहे थे। फडणवीस ने कहा कि ये तो अभी शुरुआत है। अभी सिर्फ एक ही मामले की जांच हुई है। अभी बहुत कुछ सामने आने वाला है।
प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वझे ने राज्य की छवि को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। यह शर्मनाक है कि कल तक राज्य के मुख्यमंत्री जिस पुलिस अधिकारी का बचाव कर रहे थे, उन्हें एनआईए ने आतंकवाद की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया है। शिवसेना उस व्यक्ति का समर्थन कर रही है, जो उद्योगपतियों को नुकसान पहुंचाना चाहता है और शांति भंग करना चाहता है। पाटिल ने कहा कि लोग विस्फोटक से लदी गाड़ी और उसके मालिक मनसुख हिरन की मौत के सिलसिले में कई सवालों के जवाब जानना चाहते हैं।’
इसके अलावा बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने भी शिवसेना नेताओं पर वझे के साथ कारोबार में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। रविवार को सोमैया ने कहा ‘मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे के 6 से ज्यादा कारोबार हैं। मल्टीबिल्ड इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, टेकलीगल सॉल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड, डीजीनेक्स्ट मल्टीमीडिया लिमिटेड और अन्य। इनमें बिजनेस पार्टनर कौन है। इस दौरान उन्होंने शिवसेना के दो नेताओं संजय मशेल्कर और विजय गवाई के नाम लिए।
बहरहाल, बेहद आसानी से खड़ी की गई कार ने अब सरकार के सामने कई मुश्किलें खड़ी कर दी है। देखना होगा कि इसके लपेटे में कौन-कौन आता है और किस पर गाज गिरती है।