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सक्रिय राजनीति में लौटे यशवंत सिन्हा, कोलकाता में ली टीएमसी की सदस्यता - Prakhar Prahari
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सक्रिय राजनीति में लौटे यशवंत सिन्हा, कोलकाता में ली टीएमसी की सदस्यता

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा एक बार सक्रिय राजनीति में लौट आए हैं। उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह आज कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली। सिन्हा ने लगभग तीन साल पहले बीजेपी छोड़ी थी और खुद को दलगत राजनीति से ही अलग कर लिया था।

सिन्हा कहना है कि इस समय देश एक अद्भुत संकट से गुजर रहा है, इसलिए उन्होंने दोबारा राजनीति में आने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “आज की जो घटना है उसके बारे में आपको अश्चर्य हो रहा होगा। सोच रहे होंगे कि जब मैंने खुद को दलगत राजनीति से अलग कर लिया था, तो फिर मैं पार्टी में शामिल होकर एक्टिव क्यों हो रहा हूं। दरअसल, इस समय देश अद्भुत परिस्थिति से गुजर रहा है। अब तक जिन मूल्यों को हम बहुत महत्व देते थे, यह सोचकर चलते थे कि इस पर प्रजातंत्र में अमल करेंगे, आज उनका अनुपालन नहीं हो रहा है।“

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की ताकत उसकी संस्थाएं होती हैं। आज लगभग हर संस्था कमजोर हो गई है, उसमें न्यायपालिका भी शामिल है। हमारे देश के लिए ये सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के साथी दल उन्हें छोड़कर जा रहे हैं। सबसे पुराना साथी अकाली दल भी उनसे अलग हो चुका है। शिवसेना ने भी उनसे किनारा कर लिया है। जेडीयू को छोड़कर कोई महत्वपूर्ण पार्टी अब उनके साथ नहीं है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी। उन्होंने कहा कि बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा।’

इससे पहले सिन्हा 30 जनवरी 2018 राष्ट्र मंच की शुरुआत की थी। इसमें उन लोगों को शामिल किया गया था, जो देश के मौजूदा हालात को खराब मानते थे और उससे खुश नहीं थे। कार्यक्रम में शत्रुघ्न सिन्हा, तेजस्वी यादव, रेणुका चौधरी तथा अनेक दलों के नेता शामिल हुए थे। फिर सिन्हा ने 21 अप्रैल 2018 को बीजेपी और दलगत राजनीति से किनारा कर लिया था।

सिन्हा 1960 में आईएएस (IAS) यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए। उन्हें पूरे भारत में उन्हें 12वां स्थान मिला। आरा और पटना में काम करने के बाद उन्हें संथाल परगना में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर तैनात किया गया। 24 साल आईएएस की भूमिका निभाने के बाद वह 1984 में राजनीति में आए और 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्त मंत्री बने।

फिर सिन्हा 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री बने। 13 महीने बाद सरकार गिर गई। 1999 में फिर से वाजपेयी सरकार की वापसी हुई और सिन्हा को फिर से वित्त मंत्रालय मिला।

Shobha Ojha

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