पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गर्म है। सभी राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है। अब राज्य के सियासी घमासान में किसान आंदोलन की भी एंट्री हो चुकी है। बीकेयू (BKU) यानी भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आज बंगाल पहुंच रहे हैं। टिकैत शनिवार को कोलकाता के भवानीपुर और नंदीग्राम में होने जा रही किसान महापंचायत में हिस्सा लेंगे। साथ ही 14 मार्च को सिंगूर और आसनसोल में भी किसान महापंचायत करेंगे।
उधर, एसकेएम (SKM) यानी संयुक्त किसान मोर्चा ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसकेएम ने शुक्रवार को बंगाल के किसानों से बीजेपी का बहिष्कार करने तथा उसे वोट नहीं देने की अपील की। एसकेएम का कहना है कि चुनाव में करारी हार के बाद बीजेपी सरकार कृषि कानून वापस लेना ही पड़ेगा।
एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं और न ही लोगों से किसी एक विशेष पार्टी को वोट देने के लिए कह रहे हैं। हमारा कहना है कि बीजेपी को सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के कानों तक हमारी बात पहुंचाने के लिए जरूरी है और उसे बताना है कि आगामी चुनाव में उसका नुकसान किया जाए।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने बीजेपी पर निशाना साधाते हुए कहा कि सरकार कुछ कॉरपोरेट्स के हाथों देश को बेचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सावधानी से अपने मताधिकार का प्रयोग करें। उन्होंने किसानों का अपमान करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि ब्रिटिश शासकों ने भी इसका सहारा नहीं लिया था, जिसे मौजूदा सरकार कानून का रूप दे रही है। उन्होंने बंगाल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ पास किए गए रिजोल्यूशन का स्वागत किया।
तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन 26 नवंबर 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती बाकी चार राज्यों के साथ ही 2 मई को होगी। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का एक अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल को, चौथे चरण का 10 अप्रैल को, पांचवें चरण का 17 अप्रैल को, छठे चरण का 22 अप्रैल को, सातवें चरण का 26 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा।