पश्चिम बंगाल की विधानसभा सीट नंदीग्राम सुर्खियों में है. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी शुवेंदु अधिकारी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी चुनाव मैदान में हैं. आज शुवेंदु ने नंदीग्राम से अपना नामांकन भरा है. नामंकन से कुछ घंटे पहले अधिकारी ने विश्वास जताया कि पूर्वी मिदनापुर की सभी 16 सीटों पर बीजेपी की जीत मिलेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह आज ही सभी पत्रकारों को 2 मई के दिन ‘जीत की मिठाई’ खाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.
बंगाल सरकार में ममता के मातहत रहे शुवेंदु ने दावा किया कि टीएमसी प्राइवेट कंपनी में बदल गई है. जहां सिर्फ ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक ही आजादी के साथ बोल सकते हैं.
अधिकारी स्थानीय मंदिरों में गये और अपना नामांकन दाखिल करने से पहले पूजा अर्चना की. अधिकारी ने कहा- ‘इस साल, कई टीएमसी नेताओं ने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए. इसका कारण यह है कि तृणमूल कांग्रेस अब लोगों की पार्टी नहीं है.’
नंदीग्राम यात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर कथित हमले के संदर्भ में, अधिकारी ने कहा, मुझसे अराजनीतिक प्रश्न न पूछें. यदि आप ऐसे प्रश्न पूछेंगे तो मैं जवाब नहीं दूंगा. मैं केवल राजनीतिक सवालों का जवाब दूंगा. मैं इस घटना के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.
अधिकारी ने ममता के भतीजे से अभिषेक से सवाल किया कि थाईलैंड में एक बैंक खाते में लाखों रुपये किसने जमा किए और कहां से इतनी बड़ी रकम आई? उन्होंने कहा, ‘ केवल भाजपा सरकार ही शारदा कंपनी द्वारा धोखा दिए गए लोगों का वापसी सुनिश्चित करेगी.’
अधिकारी ने सीएम बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह पश्चिम बंगाल में ‘किसान-सम्मान निधि’ और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को ‘लागू नहीं’ कर रही हैं. साल 2021 में राज्य में सरकार बनाने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में उन्हें लागू करने कोशिश करेंगे.
लेफ्ट-कांग्रेस और टीएमसी पर निशाना साधते हुए अधिकारी ने कहा, ‘ वो आरोप लगा रहे हैं कि हम तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं. अब आप मुझे बताइए … क्या आप यहां कोई साधु ’(भिक्षु) मेरे साथ देख रहे हैं? लेकिन हमने अब्बास सिद्दीकी को लेफ्ट-कांग्रेस की जनसभाओं के साथ मंच साझा करते और टीएमसी के पक्ष में बोलते हुए तोशा सिद्दीकी को देखा. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति कौन कर रहा है? ‘
नंदीग्राम को टीएमसी का एक गढ़ माना जाता है और बनर्जी द्वारा इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा को अधिकारी परिवार के लिए चुनौती माना जा रहा है. अधिकारी से कहा, ‘अगर ममता की हार 50,000 वोट से नहीं हुई तो मैं घोषणा करता हूं कि राजनीति छोड़ दूंगा.’