केरल में विधानसभा की कुल 140 सीटों के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. यहां मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और कांग्रेस के गठबंधन के बीच है. बीजेपी भी इस पर पूरे जोरशोर से चुनाव मैदान में उतर रही है. इसके लिए मेट्रोमैन ई श्रीधरन को बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. इस सब के बीच सीपीएम ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है. सीपीएम ने अपने 83 उम्मीदवारों की सूची जारी की. इसमें सीपीएम समर्थित नौ निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाद में की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा, श्रम मंत्री टी पी रामकृष्णन, बिजली मंत्री एम एम मणि, देवस्वओम मंत्री कडाकमपल्ली सुरेंद्रन, मत्स्य मंत्री मर्सीकुट्टी अम्मा और स्थानीय स्वशासन मंत्री ए सी मोइद्दीन फिर से किस्मत आजमाएंगे. विजयन कन्नूर जिले में धर्मादम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.
टू टर्म पॉलिसी के तहत पांच मंत्रियों को टिकट नहीं दिया गया. इन मंत्रियों में टी एम थॉमस इसाक, ई पी जयराजन, आर रवींद्रनाथ, जी सुधाकरन और एके बालन हैं. माना जा रहा है कि यह वे मंत्री हैं जो विजयन से सवाल-जवाब का माद्दा रखते हैं
प्रदेश सचिवालय के सदस्य एम वी गोविंदन मास्टर, के राधाकृष्णन, पी राजीव और के एन बालागोपाल चुनाव लड़ेंगे. सीपीएम के कार्यवाहक प्रदेश सचिव ए विजयराघवन ने बताया कि मांजेश्वरम और देवीकुलम निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों की घोषणा बाद में की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य किसी को टिकट दिए जाने से इनकार करना नहीं बल्कि नये उम्मीदवारों को मौका देना है. सीपीएम नीत एलडीएफ लगातार दूसरी बार जीत के लिए प्रयास कर रही है. वर्ष 2016 के चुनाव में एलडीएफ को 140 सदस्यीय विधानसभा में 91 सीटों पर जीत मिली थी.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल की राजनीति के जानकार प्रोफेसर प्रभास जे ने कहा कि इस सूची से यह स्पष्ट हो गया है कि पिनराई विजयन ने पूरी पार्टी को अपने नियंत्रण में करने का मन बना लिया है. मौजूदा सूची से वरिष्ठ और पुराने नेता बाहर कर दिये गये हैं. इसॉक, बालन, सुधाकरन सरीखे नेताओं को बाहर कर दिया गया. यह वे लोग हैं जो विजयन से सवाल-जवाब का माद्दा रखते थे. अब पूरी पार्टी में विजयन ही सबकुछ हैं.