केरल में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। इससे पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं और गांधी परिवार के विश्‍वासपात्र रहे पीसी चाकों ने पार्टी को बाय-बाय कह दिया है। चाको ने बुधवार को अपने इस्‍तीफे की घोषणा की। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्‍तीफा भेज दिया है। उन्होंने कहा है कि केरल में कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंटी गई है। वह इस बारे में पार्टी आलाकमान से दखल देने की गुजारिश करते-करते थक गए हैं, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केरल में जो कुछ भी घट रहा है, आलाकमान उसे चुपचाप देख रहा है।

आपको बता दें कि चाको ने लगभग दो साल पहले गांधी परिवार को ‘देश का प्रथम परिवार’ बताकर बखेड़ा खड़ा कर दिया था। इस बात को लेकर उस समय उनका काफी आलोचना हुई थी।  बीजेपी ने चाको पर गांधी परिवार की चाटुकारिता का आरोप लगाया था।

चाको ने इस्तीफा देते हुए कहा, “मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस जैसी कोई पार्टी नहीं है। वहां दो पार्टियां हैं- कांग्रेस (आई) और कांग्रेस (A)। दो पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमिटी है जो प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) की तरह काम कर रही है। केरल एक अहम चुनाव के मुहाने पर है। लोग कांग्रेस की वापसी चाहते हैं, लेकिन शीर्ष नेता गुटबाजी में लगे हैं। मैं हाईकमान से कह चुका हूं कि यह सब खत्‍म होना चाहिए, लेकिन पार्टी आलाकमान दोनों समूहों के प्रस्‍तावो से भी सहमति जता रहा है।”

चाको ने दो साल पहले कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत के पहले परिवार के बारे में नकरात्‍मक राय है। वह सच में भारत का पहला परिवार है। भारत उनका आभारी है… भारत आज जो है वो पंडित जवाहरलाल नेहरू की योजना और नेतृत्‍व की वजह से है। चाको के बयान पर प्रतिक्रिया देते हए उस समय केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इसे चाटुकारिता की संस्कृति का प्रतीक बताया था।

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