रावलपिंडी : पाकिस्तान चाह लाख लाख ताल ठोंक ले, मगर उसे डर तो है। डर दूर भगाने के लिए वह कुछ न कुछ ऐसा करता रहता है, ताकि वहां सेना के जवानों में आत्मविश्वास बना रहे। इसी योजना के तहत पाकिस्तान के रेगिस्तान में धूल के गुबार उड़ रहे हैं। जी हां, रेगिस्तानी और मैदानी क्षेत्रों में युद्ध कौशल बढ़ाने के लिए पाकिस्तान की सेना ने पंजाब प्रांत के बाहवलपुर शहर में ‘जर्ब-ए-हदीद’ नाम से अभ्यास शुरू किया। यह कोर स्तर का अभ्यास है, जिसका उद्देश्य सेना के विभिन्न घटकों के बीच तालमेल बढ़ाना और परिचालन संबंधी तैयारियों को परखना है।
विभिन्न इलाकों में सैनिकों को प्रशिक्षित करने के लिए हर साल ड्रिल आयोजित की जाती है। अभ्यास क्षेत्र में रेगिस्तान और मैदानी इलाके शामिल हैं, जहां भाग लेने वाली इकाइयां मौसम की स्थिति, चुनौतीपूर्ण इलाके और वास्तविक युद्ध के वातावरण को ध्यान में रखते हुए अभ्यास कर रही हैं। सैन्य अभ्यास में शामिल इकाइयों ने अभ्यास के संयोजन, चाल, सामरिक मुकाबले और गोलाबारी के विभिन्न चरणों के दौरान बेहतर तालमेल और व्यावसायिकता का प्रदर्शन किया। याद रहे, इससे पहले फरवरी में पाकिस्तान सेना ने युद्ध के मैदान के वातावरण में रेगिस्तान में सक्रिय क्षेत्र संरचनाओं की परिचालन क्षमता का परीक्षण करने के लिए ‘जिदर-उल-हदीद’ अभ्यास किया था।
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