देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव शुरू होने जा रहे हैं. चुनावी सरगर्मी के बीच केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ गई हैं. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जो इनपुट दिए हैं वो बेहद खतरनाक हैं. एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पांच राज्यों की चुनाव प्रक्रिया में नक्सली बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं. वहीं, नक्सली हमले का सबसे बड़ा खतरा पश्चिम बंगाल पर है.
बंगाल में नक्सलियों की घटती ताकत के बाद उनका संगठन ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो में फिर से जान फूंकने की कोशिश कर रहा है. यहां पर पिछले कुछ सालों से उनका संगठन लगातार कमजोर पड़ रहा है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले उसको सक्रिय करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक नक्सलियों का संगठन ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो बंगाल से सटे राज्यों में हथियार इकट्ठा कर चुनाव के दौरान उसे बंगाल में सप्लाई करने की कोशिश कर रहा है. नक्सलियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो शाखा के तहत बिहार और झारखंड राज्य आते हैं, जिनकी सीमा पश्चिम बंगाल से सटी हुई है. पिछले 4 महीनों के दौरान झारखंड और बिहार में नक्सली कमांडरों के मूवमेंट और सक्रियता बहुत ज्यादा देखी गई है.
बीएसएफ के पूर्व आईजी अजमल सिंह कटाच के मुताबिक यह नक्सलियों की पुरानी रणनीति का ही नतीजा है जिन राज्यों में चुनाव होने होते हैं वहां वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करते रहते हैं. बिहार और झारखंड में फिलहाल चौकसी का स्तर कम है इसलिए अपनी गतिविधि वहां बढ़ा कर बंगाल में दाखिल होना चाहते हैं.
पिछले 4 महीनों के दौरान ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो ने बिहार झारखंड पर सबसे ज्यादा जोर लगाया है. जो गतिविधियां इनकी ओर से बिहार और झारखंड में देखी गई हैं उसमें कांट्रेक्टर, बिजनेसमैन, ईट भट्टेवाले, पेट्रोल पंप, होटल, ट्रांसपोर्टर से पैसे वसूलने की कोशिश शामिल है. यह गतिविधियां पिछले कुछ सालों से बहुत कम घटी थी लेकिन पिछले 4 महीनों से एकाएक इन इलाकों में यह बढ़ी है. खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है पैसे की कमी को पूरा करने के लिए नक्सली यह हथकंडा अपना रहे हैं. जिसका इस्तेमाल वह चुनाव में हिंसक गतिविधियों के लिए करेंगे. पैसे वसूली के साथ-साथ चुनाव में बाधा डालने के लिए 800 किलो से ज्यादा विस्फोटक भी नक्सलियों ने पश्चिम बंगाल के आसपास के राज्यों में इकट्ठा किए हैं ताकि उन्हें चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके.
चुनाव में बाधा डालने की कोशिश में फोर्स पर हमला करना दूरदराज के इलाकों में वोटरों को धमकाना और भारतीय व्यवस्था के खिलाफ माहौल पैदा करना जैसे हथकंडे शामिल हैं. सुरक्षाबलों की चौकसी के चलते पिछले कुछ सालों से नक्सलियों पर लगाम कसी गई थी लेकिन बिहार चुनाव के बाद और पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर उनकी गतिविधियां उफान पर हैं. इसके अलावा सूचना मिली है कि अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर भी नक्सलियों की इस शाखा के इकट्ठा की जा रही है. इससे यह शक और पुख्ता हो गया है कि नक्सली किसी बड़े योजना को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं.
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