आज आठ मार्च यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। इस मौके पर दुनियाभर में महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। उन्हें विशेष जिम्मेदारियां दी जा रही है और यह जताने की कोशिश हो रही है कि वह किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इस बीच सप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने दुष्कर्म को लेकर अपनी टिप्पणी पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।

बोबडे ने कहा, “एक संस्थान और कोर्ट की एक पीठ के तौर पर हमने स्त्रित्व का हमेशा सर्वोच्च सम्मान किया है। यह कोर्ट हमेशा महिलाओं को सम्मान देता है। हमने आरोपी को पीड़िता से शादी करने को कभी नहीं कहा। हमने उससे पूछा था कि ‘क्या तुम उससे शादी करोगे?’ हमने जो कहा उसे बिल्कुल गलत तरह से पेश किया गया।”

आपको बता दें  14 वर्षीय रेप पीड़िता ने कोर्ट से 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी थी। गत सप्ताह इसी केस की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने आरोपी के वकील से पूछा था कि क्या वह (आरोपी) पीड़िता के साथ शादी करने जा रहा है?

पीठ के इस बयान पर इस पर कुछ वकीलों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सवाल खड़े किए थे और कहा था कि रेप के आरोपी को पीड़िता से विवाह करने का आदेश देना गलत है।

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