Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
निर्मला सीतारमण ने कहा-राज्य सरकारें भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों में भागीदार - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

निर्मला सीतारमण ने कहा-राज्य सरकारें भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों में भागीदार

नई दिल्ली. पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की अच्छी-खासी कमाई होती है। मोदी सरकार ने तो इससे कमाई तीन गुना तक बढ़ा ली है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल यानी PPAC के मुताबिक 2013-14 में सिर्फ एक्साइज ड्यूटी से सरकार ने 77,982 करोड़ रुपए कमाए थे। जबकि 2019-20 में 2.23 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई। 2020-21 के पहली छमाही में यानी अप्रैल से सितंबर तक मोदी सरकार को 1.31 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई। अगर इसमें और दूसरे टैक्स भी जोड़ लें, तो ये कमाई 1.53 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है। ये आंकड़ा और ज्यादा होता, अगर कोरोना नहीं आया होता और लॉकडाउन न लगा होता।

राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर कई तरह के टैक्स और सेस लगाती हैं। इनमें सबसे प्रमुख वैट और सेल्स टैक्स होता है। पूरे देश में सबसे ज्यादा वैट/सेल्स टैक्स राजस्थान सरकार वसूलती है। यहां पेट्रोल पर 38% और डीजल पर 28% टैक्स लगता है। उसके बाद मणिपुर, तेलंगाना और कर्नाटक हैं, जहां पेट्रोल पर 35% या उससे अधिक टैक्स लगता है। इसके बाद मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 33% वैट लगता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर केंद्र का बचाव करते हुए कहा कि केंद्र और राज्यों दोनों को पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से रेवेन्यू मिलता है। केंद्र के टैक्स कलेक्शन में से भी 41 प्रतिशत राज्यों को ही जाता है। ऐसे में यही उचित होगा कि केंद्र और राज्य इस पर आपस में बात करें। जितना संभव हो सके, कर कटौती पर फैसला लें। ये कहना कि कीमत बढ़ने के लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है ये सही नहीं है। राजय् सरकारें सिर्फ अपना पिंड छुड़ाने के लिए ऐसा कह रही हैं।

GST के दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाए जाने के सवाल पर कहा कि यह फैसला जीएसटी परिषद को ही लेना है। जीएसटी परिषद में ही इस बारे में विचार होगा। बता दें कि पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी के दायरे में आने के बाद कीमतों में एकरूपता आ जाएगी और ऐसे राज्यों में भी पेट्रोल की कीमत नीचे आ जाएगी, जहां इन पर ज्यादा टैक्स लगता है। वर्तमान में केंद्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्धारित दर से एक्साइज ड्यूटी लेती है, जबकि विभिन्न राज्य इस पर अलग-अलग दर से टैक्स लेते हैं।

Delhi Desk

Recent Posts

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक…

1 day ago

भारत बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता, पांचवीं बार जीता खिताब जीता, फाइनल में चीन को

स्पोर्ट्स डेस्कः भारत हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। टीम इंडियान ने मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले…

2 days ago

अगस्त में वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

दिल्लीः  देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा।  पिछले साल इसी…

2 days ago

आतिशी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, सरकार बनाने का दावा पेश किया; भाजपा बोली- मेकओवर से दाग नहीं छुपेंगे

दिल्लीः दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।…

2 days ago

आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल होंगे डॉ. राधाकृष्णन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे नागपुरः विजयादशमी के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)…

3 days ago

मेरा मजाक उड़ाया गया, मैं सरदार की भूमि में पैदा हुआ बेटा, चुपचाप देशहित में नीति बनाने में लगा रहाः मोदी

अहमदाबाद: गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के GMDC मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह…

3 days ago