पूरी दुनिया में इन दिनों कोरोना वैक्सीन की चर्चा है. तमाम देशों में टीकाकरण हो रहा है. भारत इस दिशा में बहुत आगे निकल चुका है. यहां स्वदेशी कोवैक्सीन तो लगाई ही जा रही है, इसके अलावा भारत बायोटेक की ही नेजल वैक्सीन भी आने वाली है. नेजल वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस प्रोडक्ट का नाम BBV154 है. यह एक इंटरनेजल वैक्सीन है. बीती फरवरी को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (SDSCO) ने भारत बायोटेक को वैक्सीन का फेज 1 का ट्रायल करने के लिए मंजूरी दे दी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके लिए 10 लोगों को चुना गया है. बताया जा रहा है कि अब तक दो लोगों को यह वैक्सीन दी गई है. वैक्सीन पाने वाले दोनों व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हैं. यह जानकारी भारत बायोटेक ने दी है. खास बात है कि अगर यह वैक्सीन ट्रायल में सफल हो जाती है, तो देश में टीकाकरण प्रक्रिया आसान हो जाएगी. सुई का उपयोग न होने के कारण इस वैक्सीन को लेने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति की जरूरत कम होगी.
नेजल वैक्सीन उम्मीदवार के लिए भारत बायोटेक और सेंट लुई के वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने लाइसेंस एग्रीमेंट की घोषणा बीते साल सितंबर में ही कर दी थी. इसके तहत कंपनी को इस वैक्सीन के वितरण का अधिकार मिल गया था. हालांकि, कंपनी फिलहाल इस वैक्सीन को अमेरिका, जापान और यूरोप के बाजारों में नहीं बेच सकती है.
कंपनी के फाउंडर और सीएमडी कृष्णा ऐल्ला ने कहा था कि वैक्सीन का सिंगल डोज लगाने में आसान होगा. सीरिंज और नीडल का इस्तेमाल नहीं होने के कारण इस वैक्सीन में खर्च भी कम ही आएगा. कंपनी ने बताया था कि ChAd-SARS-CoV-2-S का इंटरनेजल इम्युनाइजेशन नाक में ही एक इम्यून रिस्पॉन्स तैयार करेगा. खास बात है कि नाक ही वायरस के शरीर में प्रवेश करने का जरिया है. ऐसे में बीमारी, वायरस और प्रसार से काफी सुरक्षा मिलेगी. फिलहाल भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कि कोविशील्ड को पाबंदियों के साथ आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी है.