भारत में रहने के लिहाज से कौन सा शहर सबसे अच्छा है और कौन सा शहर मुश्किलों भरा. इसे जानने के लिए शहरी विकास मंत्रालय की ओर से तैयार ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (EoLI) की सूची जारी की गई है. इसमें बेंगलुरु और शिमला के नाम सामने आए हैं. बेंगलुरु के अलावा पुणे और अहमदाबाद जैसे शहर भी लिस्ट में टॉप पर हैं. EoLI 2020 की ये रैंकिंग दो कैटेगरी में घोषित हुई हैं. पहली कैटेगरी में वह शहर हैं जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है, वहीं दूसरी कैटेगरी में 10 लाख से कम आबादी वाले शहर हैं.
2020 में हुए असेसमेंट में 111 शहर शामिल रहे. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बेंगलुरु रहने के लिए सबसे बेस्ट साबित हुआ. इसके बाद पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयम्बटूर, वडोदरा, इंदौर और ग्रेटर मुंबई रहे. 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला ईज ऑफ लिविंग में सबसे बेस्ट रहा. इसके बाद भुवनेश्वर, सिलवासा, ककिनादा, सलेम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे और तिरुचिरापल्ली रहे.
ईज ऑफ लिविंग 2020 के तहत म्यूनिसिपैलिटीज को भी दो कैटेगरी में रखा गया है. 10 लाख से कम आबादी और 10 लाख से ज्यादा आबादी. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली कैटेगरी में इंदौर नंबर एक बनकर उभरा है, वहीं इसके बाद सूरत और भोपाल रहे. 10 लाख से कम आबादी वाली कैटेगरी में नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल बेस्ट रहा. इसके बाद तिरुपति और गांधीनगर रहे.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने यह रिपोर्ट जारी की. खास बात यह है कि देश की राजधानी दिल्ली इन दोनों कैटगरी में 10 वे नंबर तक भी नहीं पहुंच पाई. दिल्ली 13 वें नंबर पर ही सिमटकर रह गई.
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की शुरुआत 2018 में शहरों की रैंकिंग से की गई थी. 2018 के बाद शहरों की ये दूसरी रैंकिंग है. इस कैटगरी में मुख्य रूप से तीन पिलर्स हैं, ये पिलर्स रहने की गुणवत्ता जिसके रैंकिंग के लिए 35 फीसदी अंक रखे गए थे. दूसरा पिलर आर्थिक योग्यता इसके लिए 15 फीसदी अंक और विकास की स्थिरता कैसी है इसके लिए 20 फीसदी अंक तय किए गए, बाकी 30 फीसदी लोगों के बीच किए सर्वे से तय किए गए थे, जबकि 49 इंडिकेशंस से जिनके आधार पर इनकी रैंकिंग की गई.