नई दिल्ली. केंद्र सरकार फास्टैग को मल्टीपर्पज सर्विस में इस्तेमाल करने की दिशा में काम रही है। सूत्रों के अनुसार, Fastag से गाड़ियों में पेट्रोल, डीजल और CNG भरवाने की सुविधा भी शुरू की जाएगी।
फास्टैग को पार्किंग पेमेंट के रूप में इस्तेमाल करने के लिए हैदराबाद, बेंगलुरु एयरपोर्ट में पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इसकी सफलता के बाद अगले चरण में दिल्ली एयरपोर्ट और कनॉट प्लेस पर फास्टैग से पार्किंग फीस भुगतान करने की सर्विस शुरू की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इसी तरह इसके अगले चरण में इसे मुंबई, कोलकाता, चेन्नई सहित देश के कई दूसरे शहरों में आगे बढ़ाया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल कोरोना काल में टोल टैक्स पर दो गज की दूरी बनाए रखने और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट में Fastag कारगर साबित हुआ है। 15 फरवरी से सभी टोल प्लाजा की सभी लेन को फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है।
बता दें कि 1 दिसंबर 2019 से राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले सभी चार पहिया वाहनों पर फास्टैग (FASTag) लगाना अनिवार्य कर दिया था। जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है। इसके बाद आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क कट जाता है। इस तरह आप टोल प्लाजा पर रुके बगैर शुल्क का भुगतान कर पाते हैं। वाहन में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देगा। वहीं, जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा।
दरअसल, फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है। फास्टैग रिचार्ज होने वाला प्रीपेड टैग है जो आपको अपनी गाड़ी के विंडशील्ड पर अंदर की तरफ से लगाना पड़ता है।