पीएफ (PF) यानी भविष्य निधि के दायरे में आने वाले करीब छह करोड़ कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। ईपीएफओ (EPFO) यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यास बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। यानी  ब्याज दर  8.50 प्रतिशत पर ही रहेगी।

केंद्रीय श्रम एवं राेजगार मंत्रालय  ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ((EPFO) के केंद्रीय न्यास बोर्ड (CBT) की बैठक सुबह श्रीनगर में आयोजित की गR। इसमें बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 में ईपीएफ के अंशधारकों के लिए ब्याज दरों की सिफारिश की। यह पिछले वित्त वर्ष की ब्याज दर 8.50 प्रतिशत स्थिर रहेगी। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ की ब्याज दरें 8.65 प्रतिशत से घटाकर 8.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष कर दी थी।

काेविड महामारी के कारण ईपीएफओ की ब्याज दरों में कटौती की आशंका जताई जा रही थी।  गत वर्ष मार्च में PF पर ब्याज दर सात साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। उस समय 2019-20 के लिए PF पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज की घोषणा की गई थी। यह ब्याज दर 2018-19 में 8.65 फीसदी, 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत थी।

आपको बता दें कि 1952 में PF पर ब्याज दर महज  3फीसदी थी। हालांकि, उसके बाद इसमें बढ़त होती गई। पहली बार 1972 में यह 6 प्रतिशत के ऊपर पहुंची। 1984 में यह पहली बार 10 प्रतिशत के ऊपर पहुंची। PF धारकों के लिए सबसे अच्छा समय 1989 से 1999 तक था। इस दौरान PF पर 12 प्रतिशत ब्याज मिलता था। इसके बाद ब्याज दर में गिरावट आनी शुरू हो गई। 1999 के बाद ब्याज दर कभी भी 10 फीसदी के करीब नहीं पहुंची। 2001 के बाद से यह 9.50 प्रतिशत के नीचे ही रही है। पिछले सात सालों से यह 8.50 फीसदी या उससे कम रही है।

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