देश में अब आर्थिक गतिविधियां पटली पर लौट आई है, जिसके कारण जीएसटी (GST) यानी वस्तु एवं सेवा कर  राजस्व संग्रह में भी तेजी का रुख बना हुआ है। चालू वर्ष के  फरवरी में जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक 113,143 करोड़ रुपए रहा। यह लगातार पांचवां महीना है, जब जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ से अधिक रहा।

इससे पहले अक्टूबर 2020 से लगातार जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार रहा है। अक्टूबर 2020 में 105,155 करोड़ रुपए, नवंबर 2020 में 104,963 करोड़ रुपए, दिसंबर 2020 में 115,174 करोड़ रुपये और इस वर्ष जनवरी में अब तक का रिकार्ड 119,875 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ है।

फरवरी 2021 में संग्रहित जीएसटी राजस्व पिछले वर्ष इसी महीने में संग्रहित राजस्व से 7 फ़ीसदी अधिक है। वित्त मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी जीएसटी संग्रह के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2021 में संग्रहित राजस्व में सीजीएसटी 21,092 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 27,273 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 55,253 करोड़ रुपये और 9525 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति उपकर शामिल है। आईजीएसटी में 24,382 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में 660 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर संग्रहित कर शामिल है।

सरकार ने आईजीएसटी राजस्व में से 22,398 करोड़ रुपये सीजीएसटी में और 17,534 करोड़ रुपये एसजीएसटी में हस्तातंरित किये हैं।

जीएटी (GST) बढ़ने के मायनेः-
जीएसटी में वृद्धि का साफ मतलब है कि कारोबारी स्थितियां अच्छी हैं। आमतौर पर जीएसटी तभी दिया जाता है, जब आपका कारोबार चलता है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर जब पूरा कारोबार बंद था, तब अप्रैल 2020 में जीएसटी कलेक्शन गिरकर 32 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया था। अनलॉक शुरू हुआ तो इसमें तेजी आने लगी। इस तरह से  कह सकते हैं कि अब कारोबार पटरी पर है। अर्थव्यवस्था सही अच्छी चल रही है।

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