मोदी ने कहा- अब खेती में प्राइवेट सेक्टर का योगदान अहम हो गया है

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नई दिल्ली. केंद्र की 3 कृषि कानूनों के खिलाफ अभी भी किसान आंदोलन कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि खेती में भी प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी बढ़े। हमें किसानों को ऐसा विकल्प देना चाहिए कि वे गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहें।

कृषि क्षेत्र में बजट लागू करने को लेकर हुए वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत को फूड प्रोसेसिंग क्रांति और वैल्यू एडिशन की आवश्यकता है। देश के लिए बहुत अच्छा होता, अगर ये काम 2-3 दशक पहले ही कर लिया गया होता। अब जो समय बीत गया है, उसकी भरपाई तो करनी ही है। आने वाले दिनों के लिए अपनी तैयारी और तेजी को भी बढ़ाना है।

खास बातें…क्यों-क्यों बाले मोदी
-हमें एग्रीकल्चर के हर क्षेत्र में प्रोसेसिंग पर सबसे ज्यादा फोकस करना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांव के पास ही स्टोरेज की सुविधा मिले।

-खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी। हम सब जानते हैं कि फूड प्रोसेसिंग क्रांति के लिए किसानों के साथ ही पब्लिक, प्राइवेट और को-ऑपरेटिव सेक्टर को पूरी ताकत से आगे आना होगा।

-हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का प्रोसेस फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा।

-फिशरीज सेक्टर में भी स्थिति बदलनी होगी। इसके लिए जरूरी रिफॉर्म्स के अलावा करीब 11000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम सरकार ने बनाई है।

-आत्मनिर्भर अभियान के तहत लाखों छोटी फूड एंड प्रोसेसिंग यूनिट्स को मदद की जा रही है। फूड प्रोसेसिंग के साथ ही इस बात पर फोकस करना है कि छोटे से छोटे किसान को भी आधुनिक तकनीक का लाभ कैसे मिले।

– बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। हमें सॉइल हेल्थ कार्ड की टेस्टिंग की सुविधा गांव-गांव तक पहुंचानी है। उसमें प्राइवेट पार्टी बहुत बड़ी मात्रा में जुड़ सकती हैं।

-हमें किसानों को ऐसी टेक्नोलॉजी, ऐसे बीज उपलब्ध करवाने हैं जो जमीन के लिए उपयोगी हों और जिनमें न्यूट्रिशन की मात्रा भी हो।

-हमें एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा देना होगा, युवाओं को जोड़ना होगा। कोरोना के समय हमने देखा है कि कैसे स्टार्टअप्स ने फलों और सब्जियों को लोगों के घरों तक पहुंचाया।

– देश की 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ने का फैसला लिया गया है। इन सारे फैसलों में सरकार की सोच झलकती है, इरादा महसूस होता है और सरकार के विजन का पता चलता है।

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