नई दिल्ली. वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में आज शोमवार से 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली। पुड्डुचेरी की सिस्टर पी. निवेदा ने उन्हें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई। वैक्सीन लगवाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने में जिस तेज़ी से हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने काम किया है, वो उल्लेखनीय है। जो लोग वैक्सीन लेने योग्य हैं, मैं उन सभी से वैक्सीन लगवाने की अपील करता हूं। साथ मिलकर भारत को कोरोना मुक्त बनाते हैं!
यहां कि बात ध्यान देने वाली है कि महामारी में वास्तविकता को पूरी तरह ध्यान में रखा गया। पद का दुरुपयोग कर किसी ने टीकाकरण नहीं कराया। अमूमन पहले पदों के हिसाब से फायदे लूट लिए जाते थे, लेकिन इस बार महामारी और प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार उम्र आधारित वर्गीकरण किया गया। कतिपय राजनीतिक चेहरे प्रथम चरण में ही प्रधानमंत्री से टीका लगवाने को कह रहे थे। उन्होंने टीकाकरण को भाजपा के साथ जोड़ दिया था। कहते थे टीका पर भरोसा नहीं। सपा के अखिलेश यादव का तंज शायद ही कोई भूला होगा, लेकिन आज पीएम के वैक्सीन लगवाने के
बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी की तारीफ की। हालांकि सवाल उठाने वालों की अभी भी कमी नहीं।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि शायद वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त कर दिया होगा कि अब कोवैक्सीन लगवाने में कोई रिस्क नहीं है, तभी मोदी ने टीका लगवाया है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि वैक्सीन को लेकर भरोसा जगाने के लिए पहले पीएम मोदी को वैक्सीन लगवानी चाहिए।
शशि थरूर ने भी कोवैक्सिन के इस्तेमाल के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे। थरूर ने कहा था कि बिना तीसरे चरण के ट्रायल के ही इसे मंजूरी दे दी गई जो खतरनाक हो सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, अगर देश के प्रधानमंत्री या दुनिया में अलग-अलग देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कोरोना का पहला टीका लगाते हैं तो इससे देश में और देश के नागरिकों में विश्वास पैदा होता है।
यूपी के पूर्व सीएम और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वैक्सीन को लेकर कहा था कि यह बीजेपी की कोरोना वैक्सीन है और इसे मैं नहीं लगवाऊंगा। वैक्सीन पर मुझे भरोसा नहीं। कुछ डॉक्टरों की ओर से भी इस पर सवाल उठाए गए थे। अगर ये टीका इतना ही सुरक्षित है, इतना ही कामयाब है तो अभी तक सरकार का कोई भी जिम्मेदार मंत्री सामने क्यों नहीं आया कि ये टीका सबसे पहले मुझे लगाओ ताकि यह संदेश जाओ कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है?
इस बीच, पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाने के बाद सोशल मीडिया पर भी पीएम मोदी ट्रेंड करने लगे। एक यूजर ने कहा कि पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन लगवा ली है। इसका साइडइफेक्ट्स मोदी विरोधियों में जरूर दिखाई देगा।
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