कांग्रेस के अंदर गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खुल चुका है. गुलाम नबी समेत कई वरिष्ठ असंतुष्ट नेताओं ने सोनिया-राहुल के खिलाफ कमर कस ली है. कहा जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस में दो फाड़ होने वाला है. ऐसे में गुलाम नबी आजाद द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे कसना इस बात को और बल दे रहा है कि अब तो कांग्रेस के अंदर दोनों गुटों में आर-पार की लड़ाई होगी है. गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों को बहुत सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पद पर होने के बावजूद पीएम मोदी ने अपनी जड़ों को याद रखा है और खुद को गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं. जम्मू में आयोजित एक समारोह में गुज्जर समुदाय को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, ‘लोगों को नरेंद्र मोदी से सीखने की जरूरत है जो कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूले. वे खुद को बड़े गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं. हालांकि नरेंद्र मोदी के साथ मेरी राजनीतिक विचारधारा काफी अलग है, लेकिन पीएम जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं.’
इसी महीने कुछ दिनों पहले गुलाम नबी आजाद के लिए दिए अपने विदाई भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे. आजाद का राज्यसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष का कार्यकाल पूरा होने के दौरान पीएम मोदी ने यह भाषण दिया था. अपने करीब 13 मिनट के विदाई भाषण में पीएम मोदी की आंखों में कई बार आंसू आए. दरअसल वे उस घटना को याद कर रहे थे जब 2007 में कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था और उस दौरान वहां फंसे गुजरात के पर्यटकों को वहां से निकालने में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने काफी मदद की थी. गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को संसद के उच्च सदन में कार्यकाल पूरा हुआ था.
इससे एक दिन पहले, कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत ‘जी-23’ के नेता शनिवार (27 फरवरी) को जम्मू में एक मंच पर एकत्र हुए और उन्होंने कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आए हैं.
बता दें कि कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को ‘जी-23’ भी कहा जाता है. सिब्बल ने महात्मा गांधी को समर्पित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा. हम यहां क्यों इकट्ठे हुए हैं? सच्चाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. हम पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है.’ इस कार्यक्रम में समूह (जिसे अब ‘जी-23’ कहा जाता है) के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर जैसे कई अन्य कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए.