20-25 साल की युवतियों को किया ब्लैकमेल, कपड़े उतरवाकर बनाईं 100 से ज्यादा पॉर्न फिल्में

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मुंबई. मुंबई क्राइम ब्रांच ने पॉर्न फिल्मों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। रैकेट में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें अभिनेत्री गहना वशिष्ठ और एक बड़ी कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर उमेश कामत के नाम प्रमुख हैं। सभी ने ये बताया है यश ठाकुर ने उन्हें पॉर्न फ़िल्म बनाकर देने को कहा था, जिसे खरीदकर वो अपने विदेशी OTT प्लेटफार्म पर अपलोड कर मोटी कमाई करता था, लेकिन हैरानी की बात है कि किसी के पास भी उस शख्स का मोबाइल नंबर नहीं है। सबका यही कहना है कि यश ठाकुर नाम का वो शख्स खुद को विदेशी बताता था और हमेशा इंटरनेट कॉल से ही बात करता था।

मुम्बई पुलिस की प्रॉपर्टी सेल ने पिछले दिनों मलाड पश्चिम में मड के बंगले में शार्ट फ़िल्म के नाम पर पॉर्न फ़िल्म शूटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया था। पहले 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें 2 महिलाएं थीं। बाद में बॉलीवुड अभिनेत्री गहना वशिष्ठ को भी गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि गहना भी पॉर्न फिल्में बनाकर विदेशी OTT प्लेटफॉर्म को बेचती थीं। गहना ने पुलिस को बताया है कि दो साल पहले ठाकुर से उनकी पहली बार बात हुई थी। तब से वो उसके लिए कथित पॉर्न फिल्में बना रही थी, लेकिन कभी उससे मिली नहीं पुलिस अब यश ठाकुर के लिए पोर्न फिल्में बनाने वाले आरोपियों के बैंक अकॉउंट के जरिये यश ठाकुर तक पहुंचने की कोशिश में है। कई पर रेप के सेक्शन भी लगाए गए हैं, इसलिए ऐसे आरोपियों को आनेवाले कई महीनों या सालों तक शायद जमानत भी न मिले। उम्मीद है नई गाइडलाइंस के बाद पॉर्न फिल्म बनाने और इन्हें बेचने वालों पर कुछ हद तक खौफ रहेगा।

चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। एक जांच में पता चला है कि काम की तलाश में मुंबई की चकाचौंध से आकर्षित होकर पहुंचने वाली नई-नवेली अभिनेत्रियों पर ‘रैकेट’की नजर रहती है। काम दिलाने के बहाने उनका शोषण होता है। इसके लिए फिल्म की उन्हें असली कहानी नहीं बताई जाती। ऐन वक्त पर उनके कपड़े उतार दिए जाते हैं और कहा जाता है कि यह फिल्म की मांग है। फिर उन्हीं तस्वीरों के आधार पर मन भरने तक ब्लैकमेल किया जाता है। जब उनसे जबरन पॉर्न फिल्म करवाई गई, तो बदनामी के डर में बहुत सी लड़कियों ने यह शहर ही छोड़ दिया।

100 से ज्यादा पॉर्न फिल्मों के OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाने के एविडेंस मिले हैं। इ मामले में गिरफ्तार कुछ आरोपियों ने मुंह खोला तो सारा सच सामने आ गया। उन्होंने बताया कि पहले उन लोगों ने बिना किसी अश्लील कंटेंट की शॉर्ट फिल्में बनाईं। जब इन्हें देखनेवाले कम मिले, तो फिर उन्होंने अपनी फिल्मों में कुछ अश्लील सीन डालने शुरू किए। बाद में धीरे-धीरे यह लोग पूरी तरह से पॉर्न फिल्में बनाने लगे। ज्यादातर पॉर्न फिल्मों में हर फिल्म में नई अभिनेत्री ही ली गई।

आरोपियों ने यह भी बताया कि पॉर्न फिल्मों की शूटिंग के लिए 20 और 25 साल के बीच की लड़कियों का ही सेलेक्शन किया जाता था और उनके पॉर्न विडियो को फिर OTT के अलग-अलग ऐप्स पर अपलोड किया जाता था। 199 रुपये से लेकर 1999 रुपये की स्कीम में करोड़ों लोगों ने पॉर्न फिल्मों के इस तरह के ऐप्स को सब्सक्राइब किया।

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