नई दिल्ली. सरकारी तेल कंपनियों ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी कर दी है। इसके बाद बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 769 रुपये से बढ़कर 794 रुपये हो गई है। यह दाम आज 25 फरवरी 2021 से लागू हो गए हैं। इस महीने गैस सिलेंडर की कीमतों में यह तीसरी बार बढ़ोतरी की गई है। बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में आज 25 रुपये तक का इजाफा किया गया है।
लोगों का कहना है कि आमदनी बढ़ी नहीं और पेट्रोल के दाम बढ़ गए। ऊपर से महंगाई की मार अलग पड़ रही। इस महीने गैस सिलेंडर की कीमतों में तीसरी बार बढ़ोतरी की गई है। बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में आज 25 रुपये तक का इजाफा किया गया है।
एक दिसंबर को गैस सिलेंडर 594 रुपये से बढ़कर 644 रुपये हुए थे। इसके बाद 1 जनवरी को फिर से 50 रुपये बढ़ाए गए और सिलेंडर 694 रुपये हो गया। 4 फरवरी को की गई बढ़ोतरी के बाद इसकी कीमत बढ़कर 719 रुपये हो गई है। 15 फरवरी को 769 रुपये हुई और 25 फरवरी को 25 रुपये दाम बढ़ने से इसकी कीमत 769 रुपये से 794 रुपये पर आ गई।
देखा जाए तो दशकों से तेल की कीमतों का खेल जारी है। भले ही केंद्र में किसी भी पार्टी की सरकार बनी सेंट्रल एक्साइस टैक्स में कमी नहीं आई। राज्यों में किसी भी दल का दबदबा बढ़ा, लेकिन वैट कम करने का दम किसी दल ने नहीं दिखाया। नतीजतन पेट्रोल, डीजल की आसमान छूती कीमते आम लोगों की मुसीबत बढ़ाती रहीं और इसका सीधा असर किराना, सब्जी और फल की कीमत पर पड़ता रहा। पेट्रोल-डीजल के दामों में लगी आग इतनी बड़ी हो गई है कि केंद्र सरकार के तमाम दावे लपटों की लपेट में आ गए हैं।
जनता से सहानुभूति जताने के लिए सोनिया गांधी भी सामने आई। पेट्रोल डीजल की कीमतों पर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर नसीहत दी। चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री जी, मैं ये पत्र आपको आसमान छूती तेल और रसोई गैस की कीमतों पर हर नागरिक को हो रही पीड़ा से अवगत कराने के लिए लिख रही हूं। ईंधन के दाम इस समय ऐतिहासिक रूप से ऊंचाई पर हैं, जो पूरी तरह अव्यावहारिक हैं। ये तथ्य है कि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर गए हैं। डीजल के निरंतर बढ़ते दामों ने करोड़ों किसानों की परेशानियों को और अधिक बढ़ा दिया है।