आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर खूब खरी-खोटी सुनाई है। भारत ने गुरुवार को यूएनएससी (UNSC) यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बिना नाम लिए ही पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। यूएनएससी में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने कहा कि कुछ राष्ट्र आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी से बचाने के लिए उनकी मदद कर रहे हैं, ताकि पड़ोसी मुल्कों के साथ छद्म युद्ध में उनकी मदद ली जा सके।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की मदद करने वाले राष्ट्र उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय मदद, खुफिया जानकारी, हथियार और उनके समूह में सदस्यों को भर्ती करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। भारत दशकों से सीमापार छद्म युद्ध और पड़ोसी मुल्क की मदद से आतंकवादी हमले का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा, “मुंबई में वर्ष 1993 का मुंबई हमला हो या फिर 2008 में 26/11 का हमला या फिर पठानकोट और पुलवामा में हुआ आतंकवादी हमला हो। दुनिया ने देखा है कि भारत लगातार इस तरह के आतंकवादी हमले का शिकार होता रहा है।“ उन्होंने कहा कि इस तरह के आतंकवादियों के हमले के जवाब में आत्मरक्षा का अधिकार लागू होता है। उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता है कि आत्मरक्षा के अधिकार के लिए हमले का स्रोत फिर चाहे स्टेट का हो या नॉन स्टेट का।
भारतीय प्रतिनिधि नायडू ने कहा कि आतंकवादी समूह दूसरे देश की संप्रभुता की आड़ लेते हैं और किसी दूसरे देश में हमला करते हैं। ऐसे में बहुत से देशों का मानना है कि इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार लागू होता है। भारत ने इसी अधिकार के तहत पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।