बंगाल की चुनावी रण में भाजपा ने उतारे 294 रथ, अब लोगों से सीधा संपर्क

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कोलकाता . पश्चिम बंगाल की राजनीतिक लड़ाई अब चरम की ओर है। तृणमूल कांग्रेस वहां किसी भी कीमत पर अपनी पकड़ बनाए रखने में जुटी है, जबकि बीजेपी को इस सीमावर्ती राज्य में अपने लिए बड़ी उम्मीद दिख रही है। दोनों पार्टियां इस लड़ाई में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ दांव पर लगा देने को तैयार दिख रही हैं। नतीजा उन विवादों के रूप में देखा जा सकता है जो समय-समय पर सामने आ रहे हैं और राष्ट्रीय ख्याति के ऐसे व्यक्तित्वों को भी अपनी चपेट में ले-ले रहे हैं जिनका इस चुनावी राजनीति से सीधे कोई वास्ता भी नहीं है। मगर लड़ाई में सब कुछ जायज मानने वाली चुनावी समझ किसी भी पक्ष को संयम बरतने के लिए तैयार नहीं कर पा रही है। एक तरफ महापुरुषों को अपनाकर उनकी आभा से खुद को प्रकाशित करने की बीजेपी की मुहिम है तो दूसरी तरफ उसे बाहरी ताकत बताते हुए इन महापुरुषों को बंगाल तक सीमित करने की तृणमूल की जवाबी रणनीति।

इसी क्रम में तृणमूल कांग्रेस को जवाब देने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 294 रथ रवाना किये। इस एलईडी यात्रा को ‘लक्ष्य सोनार बांग्ला’ नाम दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इस एलईडी यात्रा को कोलकाता में हरी झंडी दिखायी। हर रथ पर स्मार्ट फोन और टैब रखे गये हैं। सुझाव पेटी में आने वाले सुझावों को केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जायेगा। भाजपा की मानें तो इन्हीं सुझावों और शिकायतों के आधार पर पार्टी बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के लिए अपना घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) तैयार करेगी। रथ के अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 100 सुझाव पेटियां लगायी जाएंगी और लोगों के सुझाव मांगे जायेंगे। राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 30 हजार सुझाव पेटियां रखी जाएंगी।

सूत्रों की मानें तो एलईडी डिस्प्ले से लैस ये वैन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जायेंगे। एलईडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण लोगों को सुनाया जायेगा। केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में भी बंगाल के मतदाताओं के बीच प्रचार-प्रसार इस एलईडी के जरिये किया जायेगा।

पार्टी ने कहा है कि एलईडी यात्रा चुनाव पर्यंत चलती रहेगी। हर रथ पर एक सुझाव पेटी रखी जायेगी। लोग कैसा बंगाल चाहते हैं, इसके बारे में अपने सुझाव इस पेटी में डालेंगे। रथ के साथ स्थानीय नेता भी रहेंगे, जो लोगों की समस्याओं को सुनेंगे। उसे रिकॉर्ड करेंगे।

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