पुड्डुच्चेरी. पुड्डुच्चेरी में कांग्रेस-डीएमके की सरकार गिर गई है। विश्वास मत परीक्षण पर वोटिंग से पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सदन से वाकआउट कर दिया। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने एलान किया कि सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है। बता दें कि 17 फरवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले पुडुचेरी में उनकी पार्टी के 4 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद नारायणसामी की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे
दरअसल, भाजपा ने इतनी तगड़ी फिल्डिंग लगाई थी कि एक-एक करके कांग्रेस-डीएमके के विधायक उसकी झोली में गिरते गए और स्थिति ऐसी आई कि बहुमत परीक्षण से पहले ही सोमवार (22 फरवरी) को कांग्रेस नेता और राज्य के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सदन से वाकआउट कर दिया। कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी। बहुमत परीक्षण से ऐन पहले कांग्रेस के एक और विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 रह गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं।
पुड्डुच्चेरी की नवनियुक्त उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने छह विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी सरकार से 22 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई है।
पुड्डुच्चेरी में कांग्रेस का चेहरा रहे नारायणसामी के खिलाफ पार्टी विधायकों ने तब बगावत का बिगुल फूंका है जब कुछ ही महीनों में वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस ने उन्हीं की अगुवाई में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पांच साल पहले कांग्रेस ने नारायणसामी को केंद्र की राजनीति से राज्य की राजनीति में भेजा था। वो केंद्र की मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार में प्रधान मंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन 2016 में उन्हें पुडुचेरी का सीएम बनाया गया था। सीएम अब राजभवन जाकर उप राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौपेंगे।
इससे पहले रविवार की शाम को मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के आवास पर पार्टी और सहयोगी दलों के नेताओं की एक अहम बैठक हुई थी। इसके बाद सीएम विधानसभा पहुंचे थे और कांग्रेस विधायकों के साथ सरकार बचाने की रणनीति पर चर्चा की थी। सरकार कैसे बचाएंगे? पूछने पर सीएम ने कहा था कि वो अपनी रणनीति का खुलासा सदन में ही करेंगे।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “चुनाव दो महीने से भी कम समय दूर हैं इसलिए हम चुनावों की दिशा में काम करेंगे, जहां लोग हमें बहुमत देंगे।” पुडुचेरी के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि वे सरकार बनाने का दावा नहीं करेंगे। एक हफ्ते में, चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी, तो लगभग 60 दिनों के लिए सरकार चलाने का क्या मतलब है?”
वहीं, इस मसले पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस इस संकट को एक भावनात्मक मुद्दे में बदल सकती है। राजनीतिक टिप्पणीकार रवींद्रन दुरीसामी ने कहा, ”यह स्पष्ट है कि नारायणसामी विश्वास मत जीतने में सक्षम नहीं होंगे, इसलिए वे अपनी उपलब्धियों और आगामी चुनाव की बातों को उजागर करने के लिए फ्लोर टेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।