पालघर. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने फिर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर हमला बोला है। उन्होने कहा कि उद्धव जी की सरकार न तो राम की, न ही भीमा की और न ही काम की है। राम से आशय राम मंदिर, भीमा का तात्पर्य भीमा कोरोगांव और काम का मतलब प्रदेश में लंबित विभिन्न कार्य। रामदाल आठवले ने मजाक-मजाक में एक तीर से तीन निशाने साधे। एक तरफ जहां हिंदुत्व मुद्दे पर उद्दव सरकार को घेरा, वही भीमा का पलीता लगाकर वंचितों के दर्द को कुरेदा और काम की बात कह कर प्रदेश के आम लोगों के साथ अन्याय को उकेरा।
आठवले ने कहा कि उद्धव सरकार मराठा समाज को स्वतंत्र आरक्षण दे और जाति आधारित जनगणना कराए। उन्होंने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी साझा करने की बात कही। रिपाई की ओर से विक्रमगड के दिवेकर वाडी में आदिवासी बहुजन सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस मौके पर आठवले ने जाति आधारित जनगणना करने की मांग की है।
उन्होंने कहा-मराठा समाज को एससी, एसटी और ओबीसी कोटे में आरक्षण न दें। उन्हे अलग केटेगरी में आरक्षण दें। सवर्ण गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून केंद्र सरकार ने बनाया है। उसमे देश के मराठा, राजपूत आदि क्षत्रिय समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाएं। आगामी जनगणना जाति के आधार पर करें। जाति के आधार पर जनगणना करने से जातियता नहीं बढ़ेगी, बल्कि प्रत्येक जाति को उसकी संख्या के अनुसार न्याय मिलेगा।
साथ ही कहा-पालघर में 8 तालुके दुर्गम हैं। उसमे से एक विक्रमगड तालुका है। इस क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या गंभीर है। मनरेगा में काम करने वाले आदिवासियों को अभी तक राज्य सरकार ने वेतन नहीं दिए हैं। यह गलत बात है। राज्य की महाविकास अघाडी सरकार किसी काम की नहीं है। आरपीआई और कुणबी सेना एक साथ आई तो राज्य में बड़ी सामाजिक और राजनीतिक क्रांति होगी। आठवले ने कहा कि पालघरमें डॉ बाबासाहब आम्बेडकर भवन और आदिवासी भवन की मांग हो रही है, इसे पूरा करने का प्रयत्न हम करेंगे।