रियाद. सऊदी अरब की महिलाएं भी अब सेना में शामिल हो सकेंगी। डिफेंस मिनिस्ट्री ने करीब दो साल चले विचार विमर्श के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दे दी है। शुरुआत में महिलाओं को चार पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की मंजूरी दी है। वे रॉयल सऊदी अरेबियन आर्मी, रॉयल सऊदी एयर फोर्स, रॉयल सऊदी नेवी, रॉयल सऊदी स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्स और रॉयल आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस के लिए आवेदन कर सकेंगी। यह भी साफ कर दिया गया है कि फिलहाल, सिर्फ शहरों में इनकी तैनाती होगी और अभी इन्हें जंग के मैदान से दूर रखा जाएगा।
बता दें कि सऊदी अरब सरकार ने सेना में महिलाओं की भर्ती की इस योजना की सबसे पहले घोषणा साल 2019 में की थी। माना जा रहा है कि सऊदी अरब ने यह कदम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत उठाया गया है। क्राउन प्रिंस महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए सुधारों को अंजाम दे रहे हैं। पिछले कुछ वक्त में सऊदी सरकार ने अपनी कट्टर छवि बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं।
आपराधिक रिकॉर्ड या मेडिकली अनफिट महिलाएं आवेदन नहीं कर सकेंगी। इनकी उम्र 21 से 41 साल के बीच होनी चाहिए। लंबाई 155 सेंटीमीटर जरूरी होगी। पहले से किसी सरकारी पद पर तैनात महिलाएं आवेदन नहीं कर सकेंगी। कम से कम हाईस्कूल की डिग्री होनी जरूरी है। विदेशी नागरिकता वाले व्यक्ति से शादी करने वाली महिलाएं भर्ती नहीं की जाएंगी।
याद रहे कि इससे एक साल पहले यानी 2018 में सरकार ने महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिया था। हालांकि, ये बात अलग है कि इस अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने वालीं एक्टिविस्ट लुजैन अल-हथलौल को छह साल की सजा सुनाई गई थी। लुजैन अल हथलौल को हाल ही में रिहा किया गया है। उनकी रिहाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी दबाव बनाया गया था, जिसके आगे झुकते ही सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया।