नई दिल्ली. भारत और इंग्लैंड की टीमें 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में पिंक बॉल से डे-नाइट टेस्ट मैच में भिड़ेंगी। अभी प्रशंसकों की नजर कोहली पर है। उनके बल्ले से सेंचुरी निकले लगभग एक साल से ऊपर हो चुका है, ऐसे में प्रशंसक उम्मीद में हैं कि शायद विराट इंतजार नहीं कराएंगे।
साल 2019 की फॉर्म को देखते हुए यह माना जा रहा था कि न्यूजीलैंड दौरे पर भी कोहली के बल्ले से जमकर रन निकलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विराट 2020 की पहली टेस्ट सीरीज की चार पारियों में महज 38 रन ही बना सके और टीम इंडिया को इस सीरीज में 2-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कोविड-19 के चलते क्रिकेट पर कई महीनों तक लगभग पूरी तरह से ब्रेक लग गया और भारतीय टीम ने साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली। कोहली पैटरनिटी लीव के चलते उस सीरीज का पहला टेस्ट ही खेल सके। विराट पिंक बॉल से खेले गए उस मैच की पहली पारी में अपने शतक की तरफ बढ़ ही रहे थे कि अजिंक्य रहाणे के साथ हुई तालमेल में गड़बड़ के चलते कोहली को 75 रनों के स्कोर पर रनआउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा और साल 2020 को कोहली ने बिना कोई शतक लगाए ही अलविदा कहा।
इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में भी टीम इंडिया के कप्तान दो अर्धशतक जड़ चुके हैं, लेकिन वह अपने शतक के सूखे को खत्म नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले, अपने करियर की शुरुआत में कोहली ने लगातार 13 पारियां खेलने के बावजूद शतक नहीं जड़ा था, जबकि इस बार विराट 10 इनिंग्स खेल चुके हैं। साल 2019 के बाद खेली 21 पारियों में से कोहली सात दफा ढाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके हैं। वहीं, अपने पूरे टेस्ट करियर में 11 बार शून्य पर आउट होने वाले विराट 2019 के बाद से तीन बार जीरो पर आउट हो चुके हैं।