मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कई किसान संगठन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि कृषि कानूनों वापस लिए जाएं. इस मामले में मोदी सरकार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिश रचने का भी आरोप लगा. अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन को लेकर ट्विट किया था, जिसे लेकर भारत के अंदर भारी विरोध हुआ था, वहीं पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि नें इस ट्विट के साथ एक टूलकिट शेयर की थी. विरोध होने पर बाद इसे डिलिट कर दिया. लेकिन ये मामला कानूनी बना और दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने पहले पांच दिन हिरासत में लेकर पूछताछ की थी और अब एक बार फिर उन्हें एक दिन की पुलिस की रिमांड पर भेज दिया गया है.
पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. पुलिस ने पांच दिन की कस्टडी की मांग की थी. पुलिस कस्टडी के दौरान आरोपी दिशा रवि के साथ आरोपी शांतनु और आरोपी निकिता को आमने सामने बैठाकर पूछताछ होगी. बता दें इस मामले में अदालत में शनिवार (20 फरवरी) को सुनवाई हुई थी. बता दें कि शुक्रवार से पुलिस की हिरासत में रह रहीं दिशा रवि को सोमवार को न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डॉ पंकज शर्मा की अदालत में पेश किया गया था. जहां पुलिस ने उनकी पांच दिन की रिमांड मांगी थी. जिसके बाद अदालत ने उन्हें एक दिन की पुलिस की रिमांड पर भेज दिया.
दिशा रवि की जमानत याचिका पर शनिवार को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. अब इस केस में मंगलवार (23 फरवरी) को फिर से सुनवाई होगी. वहीं इससे पहले वकील निकिता जैकब और इंजीनियर शांतनु मुलुक ‘टूलकिट’ मामले में जांच में सोमवार (22 फरवरी) को शामिल हुए. द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में उनसे पूछताछ की जा रही है. दिल्ली पुलिस किसानों के आंदोलन के समर्थन में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ की जांच कर रही है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था जबकि मुलुक को एक अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी.
पुलिस ने हिरासत को लेकर हुई पिछली सुनवाई में कहा था कि हिरासत में पूछताछ के दौरान रवि टालमटोल भरा रवैया अपनाती रहीं और सह-आरोपियों पर दोष मढ़ने का प्रयास किया. अदालत ने 14 फरवरी को रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था.
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था. जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह ‘टूलकिट’ ट्विटर पर साझा की थी.
बता दें कि ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है.
दिल्ली पुलिस के ‘साइबर प्रकोष्ठ’ ने ‘भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध’ छेड़ने के लक्ष्य से ‘टूलकिट’ के ‘खालिस्तान समर्थक’ निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी.
पुलिस ने बताया था कि दस्तावेज ‘टूलकिट’ का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है.
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