नई दिल्ली.एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर आशंका जताई है कि कि भारत में यह पहले से ज्यादा संक्रामक हो सकता है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखने के बाद हम कह सकते हैं कि ये पहले से ज्यादा खतरनाक वायरस है। उन्होंने कहा कोरोना का नया स्ट्रेन संक्रमण से उबर चुके मरीजों पर भी दोबारा हमला कर सकता है। भले ही उनमें पहले से एंटीबॉडी क्यों न पैदा हो गई हो। हर्ड इम्युनिटी बनने की बात एक मिथक सी लगती है। इसके पीछे वजह है कि इसके लिए देश की 80 फीसदी आबादी में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलप होनी चाहिए।
बता दें कि देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने लगी है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 14264 नए मामले सामने आए है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार देश में नए मामलों के बीच 90 लोगों की मौत भी हुई है। महाराष्ट्र के अलावा केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन राज्यों में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले देखने को मिल रहे हैं। महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी का कहना है कि पूरे भारत में नए स्ट्रेन के 240 नए मामले सामने हैं।
इस बीच, भारत में एक करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। देश तेजी के साथ वैक्सीनेशन टारगेट को पूरा किया जा रहा है। देश में अभी फ्रंट लाइन वॉरियर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है। सवाल उठ रहे हैं भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ क्या मौजूदा कोरोना वैक्सीन प्रभावी हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन प्रभावी होगी, लेकिन उनका इफेक्ट्स कम हो सकता है। रेगुलर डेटा मॉनिटरिंग से ही पता चल पाएगा कि क्या नए स्ट्रेन से लड़ने के लिए वैक्सीन में कुछ बदलाव करने की जरूरत है या नहीं। इसके आधार पर ही आने वाले कुछ महीनों में वैक्सीन में बदलाव किए जा सकते हैं।