पुडुचेरी की कांग्रेस की सरकार मुश्किल में फंस गई है. पहले 4 विधायकों ने इस्तीफा देकर सरकार को अल्पमत में ला दिया था. अब एक और विधायक ने त्यागपत्र देकर संकट और गहरा दिया है. अब तक कुल पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्याराजन ने विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को सोमवार (22 फरवरी) को बहुमत साबित करने को कहा है.
अब ऐसे में वी. नारायणसामी की सरकार के बहुमत परीक्षण से पहले कांग्रेस के लिए हालात मुश्किल होते जा रहे हैं. पार्टी के एक और विधायक ने अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को सौंप दिया हैं. कांग्रेस की सरकार अपना बहुमत खो चुकी है और राज्यपाल के निर्देशानुसार सोमवार को बहुमत परीक्षण होना है. चार बार के विधायक रहे कांग्रेस नेता लक्ष्मीनारायणन ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि कांग्रेस में उनकी ‘कद्र’ नहीं है और जल्द ही वे पार्टी भी छोड़ देंगे. बता दें कि 17 फरवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले पुडुचेरी में उनकी पार्टी के 4 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद नारायणसामी की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे. लक्ष्मीनारायणन कांग्रेस के पांचवें विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है.
कांग्रेस विधायक लक्ष्मीनारायणन के इस्तीफे के बाद पुडुचेरी के डीएमके विधायक के. वेंकटेशन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा स्पीकर वीपी सिवाकोलुंधू ने दोनों विधायकों का इस्तीफा प्राप्त करने के बाद कहा, “मुझे दो विधायकों के इस्तीफे प्राप्त हुए हैं. मैंने मुख्यमंत्री और विधानसभा सचिव को इस बारे में बता दिया है. इस्तीफों का निरीक्षण कर रहा हूं.” लक्ष्मीनारायणन के इस्तीफा देने के बाद 27 सदस्यों वाली पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 13 हो गई है और पार्टी अपना बहुमत खो चुकी है.
लक्ष्मीनारायणन ने एक निजी टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कहा, “वरिष्ठ नेता होने के बावजूद मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी अपना बहुमत खो चुकी है और मौजूदा संकट के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.” रिपोर्ट्स के मुताबिक एनआर कांग्रेस और बीजेपी ने लक्ष्मीनारायणन से संपर्क किया है. उन्होंने कहा, “अपने समर्थकों से बातचीत के बाद मैं अपनी योजना के बारे में ऐलान करूंगा.”
वहीं, विपक्ष का दावा है कि मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी अपना बहुमत खो चुके हैं. अगर पुडुचेरी की मौजूदा कांग्रेस सरकार और विपक्षी पार्टियां सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत जुटाने से चूक जाती हैं तो राज्य में अगले तीन महीनों के लिए राष्ट्रपति शासन लग सकता है. केंद्रशासित प्रदेश में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं.