नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने लाल किला पर भड़की हिंसा में शामिल दो सौ उपद्रवियों की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस ने कहा है कि वीडियो स्कैन कर हिंसा में शामिल उपद्रवियों की तस्वीरें ली गई हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिनाख्त कर लोगों को पहचानने का काम शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस द्वारा घोषित 1 लाख रुपये के इनामी लक्खा सिंह सिधाना अब भी दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। पिछले दिनों पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू समेत कुल चार आरोपितों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था, जिनमें लक्खा सिंह सिधाना भी शामिल है।
लक्खा सिंह सिधाना पर पंजाब में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल भी जा चुका है। वह भटिंडा जिले के सिधाना गांव का रहने वाला है। एक वक्त वह पंजाब का सबसे कुख्यात गैंगस्टर हुआ करता था। उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, बूथ कैप्चरिंग, लूट और अवैध हथियार रखने जैसे मामले शामिल हैं।
जारी ताजा वीडियो में लक्खा सिंह सिधाना ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों को खुलेआम चेतावनी देते हुए 23 फरवरी को एक और प्रदर्शन करने की घोषणा की है। हालांकि, यह प्रदर्शन पंजाब के बठिंडा में करने की बात कही है। उसने वीडियो जारी करके इस प्रदर्शन में पंजाब से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शामिल होने को कहा है।
पंजाब के बठिंडा का रहने वाले लक्खा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह है। वह कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी भी रह चुका है। बचपन से खेल में नाम कमाने वाला फिर खेल से अपराध की दुनिया में आने के बाद वह फिर राजनीति में चला आया। लक्खा सिधाना डबल एमए है। उसने किसान आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल किले के प्राचीर में पीला झंडा फहराये जाने की घटना में सिधाना का नाम आ रहा है।
लक्खा कैसे राजनीति में पहुंचा। इस बारे में कहा जाता है कि पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पहले अपनी पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बनाई थी और इसी पार्टी की तरफ से सिधाना ने सबसे पहले रामपुरा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस विधानसभा चुनाव के दौरान लक्खा सिंह पर गांव भगता भाई में फायरिंग भी हुई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद सिधाना ने तत्कालीन अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर गंभीर आरोप लगाए थे।
राजनीति के बाद लक्खा सिंह सिधाना पिछले कुछ साल से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसके साथ ही गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना पंजाब के यूथ्स को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ भी रहा था। कुछ समय पहले लक्खा ने नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोत दी थी। सिधाना के पास दो-दो महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं। 25 जनवरी को सिधाना ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्टेज पर चढ़कर युवाओं को कहा था कि जैसे युवा चाहते है, वैसी ही परेड होगी। लक्खा सिधाना ने कुछ दिनों पहले अपने सोशल मीडिया पेज पर वीडियो डालकर मीडियाकर्मियों को धमकाया भी था और अपने खिलाफ खबरें लिखने का विरोध भी किया था।