Climate Activist Disha Ravi
फोटो: सोशल मीडिया

केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर कई किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन की गरमाहट विदेशों में देखी गई है. अंतर्राष्ट्रीय कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्विट कर मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए थे. इस ट्विट पर भारत की जलवायु पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने एक टूलकिट साझा की थी. जिसे लेकर दिल्ली पुलिस ने उन्हें बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था. अब पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद अब उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि टूलकिट मामले में पूछताछ के दौरान जवाब देने में आनाकानी कर रही है और उसने सारा दोष सह-आरोपी निकिता जैकब और शांतनु मुलुक पर मढ़ दिया. पुलिस ने अदालत से उसे तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था. पुलिस ने कहा कि मामले में सह-अभियुक्त शांतनु को नोटिस दिया गया है, जो 22 फरवरी को जांच में शामिल होंगे, जिसके बाद दोनों का आमना-सामना कराया जाएगा.

लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया, “वह जवाब देने में आनाकानी कर रही है. हमने सह-आरोपी शांतनु को नोटिस दिया है, जो 22 फरवरी को जांच में शामिल होंगे. उसका सह-अभियुक्त के साथ आमना-सामना करवाया जाएगा.”

अभियोजन पक्ष ने कहा, “पूछताछ के दौरान, दिशा रवि ने निकिता और शांतनु पर दोष मढ़ दिया है. सभी आरोपियों को एक-दूसरे के साथ आमना-सामना करवाने की आवश्यकता है. इसीलिए तीन दिन की न्यायिक हिरासत मांगी जा रही है.”

बता दें कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने पुलिस की अर्जी पर तीन दिन की न्यायिक हिरासत के बारे में शाम 4 बजे फैसला सुनाया. अदालत को यह भी बताया गया कि दिशा रवि ने जमानत की अर्जी दी है, जो 20 फरवरी को सुनवाई के लिए आएगी. 21 वर्षीय कार्यकर्ता को उसकी पांच दिन की पुलिस हिरासत के अंत में कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था. किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर ‘टूलकिट’ साझा करने और संपादित करने के आरोप में दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल उन पर कानूनी शिकंजा कसा है.

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