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अमेरिका पर चीन का पलटवार…अब अपने यहां जांच कराओ, डब्ल्यूएचओ टीम को बुलाओ - Prakhar Prahari
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अमेरिका पर चीन का पलटवार…अब अपने यहां जांच कराओ, डब्ल्यूएचओ टीम को बुलाओ

वाशिंगटन. कोरोना वायरस (कोविड-19) की उत्पत्ति और प्रकोप को लेकर विश्व अंधे मोड़ पर है। वैज्ञानिक दावे अलग-अलग हैं पर राजनीतिक स्तर पर दो महाशक्तियां भिड़ पड़ी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से क्लीनचिट के बाद चीन अब अमेरिका को घेरने में जुटा है। उसका कहना है कि अब तक चीन के वुहान को दुनिया भर में ‘खलनायक’ की तरह प्रचारित किया गया। अमेरिका ने कार्रवाई तक की धमकी दी थी। ‘पेशेंट ज़ीरो’ की खोज में हीरों बनने की होड़ में अमेरिका लगा रहा, लेकिन अब अमेरिकी की ही जांच की जानी चाहिए। उसका यह बयान वुहान में कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की टिप्पणी के बाद आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चीन की तरह अमेरिका वायरस की उत्पत्ति की जांच पर सकारात्मक रवैया दिखाएगा और इसके लिए डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों को आमंत्रित करेगा।

बता दें कि वुहान में कोरोना के स्रोत की जांच करने वाली डब्ल्यूएचओ की टीम ने अपने बयान कहा था कि चीन में किसी भी पशु प्रजाति में कोरोनो वायरस के संचार का कोई सबूत नहीं है। इस बयान के बाद डब्ल्यूएचओ की जांच को लेकर अमेरिका भड़क गया था। उसने वुहान में कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच में चीनी सरकार के हस्तक्षेप की संभावना पर चिंता जाहिर कर दी थी।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलीवन ने कहा था कि जांच को लेकर चीन के रवैये से चिंतित होना लाजिमी है। वैज्ञानिक जांच में किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। भविष्य में ऐसी महामारी से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि कोरोना महामारी को ठीक से समझा जाए।

बता दें कि इससे पहले चीनी प्रशासन ने पहले बताया था कि कोरोना वायरस का पहला मामला 31 दिसंबर को सामने आया था और पहले मामलों में कई लोग जिनमें निमोनिया के बुखार जैसे लक्षण थे। उनका संबंध हूबे प्रांत के वुहान शहर के माँस-मछली और जानवरों के एक बाज़ार से था। ये क्षेत्र प्रकोप का केंद्र है और जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा इकठ्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार चीन और शेष विश्व में सामने आए मामलों में से लगभग 82% यानी 75,000 से अधिक मामले यहीं पाए गए हैं।

Delhi Desk

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