नई दिल्ली. व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन को तुरंत बैन करने की मांग की है। कैट का कहना है कि एक कंपनी जो कानून और नीतियों का उल्लंघन कर रही है और भारत में ई-कॉमर्स कारोबार को नियंत्रित करने के लिए सुनियोजित तरीके से काम कर रही है, उसे सबक सिखाया जाना चाहिए। कंपनी को यह संदेश दिया जाना चाहिए कि भारतीय कानून इतने कमजोर नहीं हैं। ऐमजॉन ने भारत सरकार के नियमों, कानूनों और नीतियों की धज्जियां उड़ाते हुए ई-कॉमर्स कारोबार को नियंत्रित करने की कोशिश में है।
फ्लिपकार्ट और अमेजन भारतीय ई-कॉमर्स की सबसे बड़ी कंपनियां हैं। फ्लिपकार्ट पहले और अमेजन देश में दूसरे नंबर पर है। दोनों कंपनियों ने ऑनलाइन बुकस्टोर से शुरुआत की थी। अमेजन आज अमेरिका की सबसे बड़ी, फ्लिपकार्ट भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है। दोनों में एक निवेशक कंपनी टाइगर ग्लोबल कॉमन है। वॉलमार्ट से पहले अमेजन भी फ्लिपकार्ट को खरीदने की दौड़ में शामिल थी। उसने तीन बार फ्लिपकार्ट को खरीदने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सकी।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि नए खुलासे को ध्यान में रखते हुए कैट गोयल से मिलकर ऐमजॉन पर तत्काल कार्रवाई की मांग करेगा। चेतावनी देते हुए कहा कि कैट इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाएगी और जब तक ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, तब तक देशभर में आंदोलन जारी रहेगा। कैट के वकीलों की टीम सभी कानूनी संभावनाओं की जांच कर रही है। यह देश के कानूनों और नीतियों के सामूहिक बलात्कार से कम नहीं है और वह भी तब जब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों को स्पष्ट शब्दों में नियमों और नीतियों का अधिक पालन करने की चेतावनी दी है।
कैट ने फ्लिपकार्ट (Flipkart) पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि वह भी इसी तरह की ऐक्टिविटीज में लिप्त है और उसकी भी जांच होनी चाहिए।