भोपाल. बीते दिनों कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें किसी को बिना जांच कराए कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मिली तो किसी को कोरोना निगेटिव होने की। इससे यह आरोप आम हो गया कि कहीं न कहीं कोरोना जांच रिपोर्ट डेटा में फर्जीवाड़ा किया गया। अब मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों का एक ही मोबाइल नंबर मिलने के बाद सियासी घमासान मच गया है।
बताया जा रहा है कि कुल 1,37,454 कर्मचारियों का मोबाइल नंबर एक ही है। जिन लोगों के मोबाइल नंबर एक मिले हैं, उनमें सबसे ज्यादा 83598 स्वास्थ्यकर्मी ही हैं। दूसरे नंबर पर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के कर्मी हैं। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के 32422 कर्मियों के नाम के आगे एक ही मोबाइल नंबर दर्ज है। इसके अलावा राजस्व विभाग के 6977, गृह विभाग के 7338 और पंचायती राज विभाग के 119 कर्मचारियों के भी एक ही मोबाइल नंबर हैं। जिलों के अनुसार देखें तो इंदौर पहले नंबर पर है जहां 17644 कर्मियों के एक ही मोबाइल नंबर मिले हैं। इसके बाद जबलपुर में 11703 और भोपाल में 8349 मोबाइल नंबर एक जैसे मिले हैं। इसका सबसे परिणाम यह हुआ कि वैक्सीन का पहला डोज लेने वाले कई लोगों को दूसरे डोज की जानकारी ही नहीं मिल पाई।
इस मामले को लेकर अब कांग्रेस ने प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर हमला बोला है। पूर्व मंत्री पी सी शर्मा ने इसे कोरेना के नाम पर खिलवाड़ करार दिया है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि रजिस्ट्रेशन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। हालांकि, उन्होंने गलती की जांच कराने की बात भी कही है।
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