फोटो सोशल मीडिया

वाकई एमपी अजब एमपी गजब है, तभी तो एक पांच महीने की गर्भवी महिला को उसके ससुराल वालों ने इस कदर जुल्म बरपाया, जिसे देख और सुनकर रूह कांप जाती है। यह घटना है मध्यप्रदेश के गुना का। बताया जा रहा है कि महिला का पति उसे दूसरे युवक के पास छोड़ गया था। इस बात से नाराज महिला के ससुराल वालों ने उसका जुलूस निकाला। ससुराल वालों ने महिला के कंधे पर एक बच्चे को बैठाकर ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर नंगे पांव करीब तीन किलोमीटर तक घुमाया गया। इस दौरान लोग महिला को लाठी-डंडे से पीटते और पत्थर भी मारत रहे।

हालांकि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक यह घटना नौ फरवरी की है, लेकिन 15 फरवरी यानी सोमवार को इसका वीडियो वायरल हुआ। हद तो तब हो गई, जब पुलिस ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। पुलिस ने आरोपी ससुर, जेठ और देवर के खिलाउ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया, लेकिन थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया।

बताया जा रहा है कि महिला गुना के बांसखेड़ी गांव की रहने वाली है। महिला के मुताबिक दो महीने पहले उसके पति सीताराम सांगई गांव में डेमा के घर छोड़कर इंदौर चले गए। जाते समय उन्होंने बोला कि मैं तुम्हें अब नहीं रख सकता, तुम डेमा के साथ ही रहो। इसके बाद छह फरवरी को मेरे ससुर गुनजरिया वारेला, जेठ कुमार सिंह, केपी सिंह और रतन आए और घर चलने के लिए कहा।

महिला ने बताया कि जब मैंने मना किया तो मुझे पीटने लगे। मेरे कंधे पर गांव के एक लड़के को बैठा दिया और सांगई से बांसखेड़ी ससुराल तक तीन किमी तक नंगे पैर ले गए। मेरे पेट में पांच महीने का गर्भ है। फिर भी ससुर और जेठ मुझे घसीटते रहे। डंडे, पत्थर, क्रिकेट के बल्ले से पैरों में मारते रहे। इस दौरान पति का भी फोन आया। उसने सबसे मुझे छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

अब बात करते हैं पुलिस के संवेदनहीनता की। इस सिलसिले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 294 (गाली देना), धारा 323 (धक्का देना, चांटा मारना), धारा 506 (जान से मारने की धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है। आपको बता दें कि सभी धाराएं जमानती हैं। इनमें तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है। उधर, गुना एसपी राजीव कुमार मिश्रा का कहना है कि यह घटना मेरे पदभार संभालने से पहले की है। उन्होंने इस मामले में सख्त धाराएं लगाने का आश्वासन दिया है।

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