काबुल. अफगानिस्तान में आतंकियों और सरकार के बीच जमकर संघर्ष शुरू है। सर्वे की मानें तो युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के पचास फीसदी से ज्यादा हिस्से पर अभी भी तालिबान का कब्जा है। नवंबर 2020 से फरवरी 2021 तक का यह मीडिया सर्वे है। इसके अनुसार, अफगानिस्तान के 52 फीसदी क्षेत्र पर तालिबान का कब्जा है। दूसरे शब्दों में कहें तो 27 जिलों पर तालिबान का पूरी तरह कब्जा है। 64 पर अफगान सरकार का। 297 जिले ऐसे हैं, जहां पर दोनों अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
तालिबान इस सर्वे से अलग देश के सत्तर फीसदी भाग पर अपना कब्जा बताता है। इसी कारण संघर्ष जारी है। हाल में सरकार ने अप्रैल से आतंकवादी विरोधी मिशन शुरू किया है, जिसमें सैकड़ों मारे गए और घायल हुए हैं। तब से तालीबानी आतंकी काफी आक्रमक हो गए हैं। ईरान की सीमा के किनारे बसे प्रांत में बीते सालों में सुरक्षा बलों और तालिबानी आतंकवादियों के बीच कई खूनी संघर्ष के दृश्य देखने को मिले हैं। आतंकी अपने खिलाफ हो रहे हमलों को देखते हुए खुद को एकजुट कर रहे हैं।
इसी के तहत अफगानिस्तान में एक मस्जिद के अंदर बम बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। तालिबान आतंकियों की इस क्लास में अचानक धमाका हुआ और कम से कम 30 आतंकी मारे गए। इसमें 6 विदेशी भी शामिल थे। जानकारी के अनुसार, बाल्फ प्रांत के दौलताबाद जिले के कुल्ताक गांव में यह मस्जिद है। रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान आतंकी एक मस्जिद के अंदर जमा थे और उन्हें बम और आईईडी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। ये 6 विदेशी आतंकी बारुदी सुरंग बनाने के विशेषज्ञ थे और शनिवार को ये 26 अन्य आतंकियों को बम बनाने का लाइव प्रशिक्षण दे रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने सरकारी सुरक्षा बलों की स्थिति का पता कर उन पर हमला करने की योजना बनाई थी। उन्होंने बताया, ‘जैसे ही आतंकवादी हमले के लिए तैयार हो रहे थे, वैसे ही एक आत्मघाती हमलावर जिसने जैकेट पर विस्फोटक लगाए हुए थे वो समय से पहले एक्टिवेट हो गया। इसके कुछ ही समय बाद वहां धमाका हो गया।’ अधिकारी ने बताया कि यह विस्फोट काफी जबरदस्त था।