…तो क्या दिशा रवि ने किसान आंदोलन को दी नई दिशा

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नई दिल्ली. बेंगलुरु की जलवायु कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पांच दिनों की रिमांड पर सौंपा है। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में दिशा ने कहा कि वह कृषि कानून विरोधी आंदोलन से प्रभावित है और आंदोलनकारियों के समर्थन में ऐसा किया था। दूसरी तरफ, पुलिस ने आरोप लगाया है कि टूलकिट मामला खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। 26 जनवरी की हिंसा में भी टूलकिट की साजिश के संकेत मिल रहे हैं। आरोप है कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वही टूलकिट है, जिसे स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल किया था। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि दिशा रवि उस टूलकिट की एडिटर हैं और उस दस्तावेज़ को तैयार करने से लेकर उसे सोशल मीडिया पर साझा करने वाली मुख्य साज़िशकर्ता हैं।

दूसरे शब्दों में कहें तो पुलिस को लगता है कि लालकिला हिंसा कांड की टूलकिट साजिश का बेंगलुरू कनेक्शन जुड़ गया है। दिशा रवि टूलकिट साजिश में बड़े मोहरे की तरह काम कर रही थी। दिल्ली पुलिस की ट्वीट के मुताबिक- जिस टूलकिट साजिश ने दिल्ली में गणतंत्र पर गदर की बिसात बिछाई थी, उस टूलकिट डॉक्यूमेंट को तैयार करने वाले मुख्य साजिशकर्ताओं मे दिशा रवि शामिल थी। उसने इसके लिये एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया और साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर टूलकिट साजिश का पूरा ड्राफ्ट तैयार किया। चौंकाने वाली बात तो ये है कि टूलकिट साजिश से 26 जनवरी कांड को अंजाम देने के बाद अगली साजिश की तैयारी भी जारी थी। इसे टूलकिट साजिश का अक्टूबर प्लान कहा जा रहा था। और दिशा इसके लिये उसी टूलकिट में हेरफेर करने में जुटी थी।

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