आज पुलवामा आतंकवादी हमले की तीसरी बरसी है। आज के ही दिन यानी 14 फरवरी 2019 दोपहर लगभग तीन बजे जम्मू-कश्मीर में एक ऐसा आतंकवादियों ने हमला किया था, पूरा देश दहल उठा। जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के काफिले में चल रही एक बस में विस्फोटक से भरी कार टकरा दी थी। इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए। देश आज शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
पुलवामा हमले में जवानों की शहादत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मेरे दिल में भी वैसी ही आग है, जैसी आपके दिल में हे। सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा। देशभर में इस कायराना हमले के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की पुरजोर मांग भी उठी थी।
संयुक्त राष्ट्र सहित दुनियाभर के लगभग सभी देशों ने पुलवामा हमले की निंदा की थी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन देने का ऐलान किया। पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने भी पुलवामा हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन किया। इस हमले के बाद भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू किया, जो जिसमें भारत को कामयाबी हाथ लगी।
पुलवामा हमले के 12 दिन बाद यानी 26 फरवरी को जब देश के लोगों की आंखें खुली तो लोग खुशी से झूम उठे। इस दिन तड़के वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर बम बरसाकर लौट चुके थे। एयर स्ट्राइक में बड़ी संख्या में आतंकवादी, ट्रेनर और सीनियर कमांडर मारे गए।