नई दिल्ली. राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान बजट की खूबियां गिनाने के साथ ही वित्त मंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने दामाद शब्द का इस्तेमाल कर कांग्रेस पर तंज कसा। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई तो वित्त मंत्री को सफाई देनी पड़ी।
दरअसल, वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 27 हजार करोड़ से ज्यादा के लोन दिए गए। इस योजना का फायदा किसने लिया? क्या दामादों ने? वित्त मंत्री के इस कमेंट पर विपक्ष ने आपत्ति जताई तो उन्होंने सफाई दी। वित्त मंत्री बोलीं कि मुझे नहीं लगता कि दामाद कांग्रेस का ट्रेडमार्क है। दामाद हर घर में होता है, लेकिन कांग्रेस में यह एक स्पेशल नाम है। इस पर सदन में जोरदार हो-हल्ला हुआ। शोर-शराबे के बीच ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को हमारे ऊपर लगातार आरोप लगाने की आदत बन गई है। कहा जाता है कि ये सरकार केवल पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है, लेकिन मैं बता दूं कि हम और हमारी सरकार गरीबों के लिए काम कर रहे हैं। इस देश के गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इस दौरान कहा कि अगस्त 2016 से जनवरी 2020 तक यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेन-देन की संख्या 3.6 लाख करोड़ से अधिक रही। यूपीआई का उपयोग कौन करता है? धनी लोग? नहीं, मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारी। फिर ये लोग कौन हैं? क्या सरकार यूपीआई पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर आई? या किसी दामाद के लिए? मुद्रा योजना के तहत 27,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन स्वीकृत किया गया। मुद्रा योजना से लाभ कौन लेता है? दामाद?
इसके पहले सीतारमण ने अपनी भाषण के शुरुआत में कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। आठ करोड़ लोगों को मुफ्त में रसोई गैस उपलब्ध कराई गई थी और 40 करोड़ लोगों, किसानों, महिलाओं, दिव्यांग, गरीबों और जरूरतमंदों को सीधे नकद राशि दी गई।
राज्यसभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं कांग्रेस और विपक्षी नेताओं को चुनौती देता हूं, वह दिखाएं कि नए कृषि कानून में कहां लिखा है कि मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त हो जाएगी। दरअसल, जिसकी नजर ही काली होगी तो सोच भी वैसी ही होगी। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ही इस कानून को लाया गया है। हम किसानों की आय दोगुनी करके ही छोड़ेंगे। बजट में 65 हजार करोड़ का एक बड़ा हिस्सा पीएम किसान योजना में दिया गया है।