Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
सांसद दिनेश त्रिवेदी ने भी छोड़ा ममता का साथ - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

सांसद दिनेश त्रिवेदी ने भी छोड़ा ममता का साथ

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बवाल बढ़ता ही जा रहा है और तृणमूल कांग्रेस नेताओं में पार्टी छोड़ने की जो होड़ मची है उसको देखते हुए लोग यह अंदाजा लगाने में जुटे हुए हैं कि चुनावों तक ममता दीदी की पार्टी में कितने नेता बचेंगे। राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। पार्टी अभी इस झटके से उबर पाती कि शुभेंदु के इस्तीफे के कुछ घंटों के भीतर ही तृणमूल कांग्रेस विधायक जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल नगर निगम प्रमुख के पद तथा पार्टी की ओर से दिए गए सभी पदों से इस्तीफा दिया। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखकर औद्योगिक शहर आसनसोल को केन्द्रीय कोष से वंचित रखने का आरोप लगाया था।

अब बजट सत्र के पहले हिस्से के आखिरी दिन शुक्रवार को राज्यसभा में अचानक तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। ममता बनर्जी के लिए दोहरी चिंता की बात यह है कि उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। बता दें कि दिनेश त्रिवेदी यूपीए सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं। पिछले साल अप्रैल महीने में उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण की थी। त्रिवेदी ने 1980 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने 1990 में जनता दल का दामन थाम लिया था। 1998 में जब ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस का गठन की तो त्रिवेदी भी उनके साथ खड़े थे।

शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे मंत्रियों का साथ छोड़ने पर तृणमूल में उभरे जख्म को भरने में अभी ममता बनर्जी लगी ही हुईं थी कि दिनेश त्रिवेदी ने मानों उनके सिर पर ही बम फोड़ दिया। हालांकि खुद को बरगलाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु एस रॉय ने कहा, ‘तृणमूल का मतलब है जमीनी स्तर। इससे हमें राज्यसभा में जल्द ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को भेजने का अवसर मिलेगा।’ लेकिन टीएससी के ही दूसरे सांसद सौगत राय ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से हम दुखी हैं। उन्होंने फैसला करने से पहले मुझसे बात नहीं की। हमें नहीं पता कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया।

बहरहाल, इस्तीफा देते वक्त उन्होंने कहा कि घुटन महसूस हो रही है। देश हित से ऊपर कुछ नहीं है। पार्टी हित और देश हित में से एक (देश हित) को चुनने का वक्त आ गया है। लिहाजा, मैं कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर हो रहा हूं। जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है। मुझे घुटन महसूस होती है कि मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूं। आज मुझे आत्मा यह कह रही है कि यहां बैठ-बैठे अगर आप चुपचाप रहो और कुछ नहीं कर सकते हो तो इस्तीफा दो। मैं यहां से आज इस्तीफा दे रहा हूं।”

Delhi Desk

Recent Posts

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक…

2 days ago

भारत बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता, पांचवीं बार जीता खिताब जीता, फाइनल में चीन को

स्पोर्ट्स डेस्कः भारत हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। टीम इंडियान ने मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले…

3 days ago

अगस्त में वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

दिल्लीः  देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा।  पिछले साल इसी…

3 days ago

आतिशी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, सरकार बनाने का दावा पेश किया; भाजपा बोली- मेकओवर से दाग नहीं छुपेंगे

दिल्लीः दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।…

3 days ago

आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल होंगे डॉ. राधाकृष्णन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे नागपुरः विजयादशमी के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)…

4 days ago

मेरा मजाक उड़ाया गया, मैं सरदार की भूमि में पैदा हुआ बेटा, चुपचाप देशहित में नीति बनाने में लगा रहाः मोदी

अहमदाबाद: गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के GMDC मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह…

4 days ago