नई दिल्ली . सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल और कलेक्शन की जानकारी सरकारी बॉडी को नहीं देने के मामले में करीब 72 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
आदेश के अनुसार, बिसलेरी पर 10.75 करोड़ रुपये, पेप्सिको इंडिया पर 8.7 करोड़ रुपये और कोका कोला बेवरेजेस पर 50.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर भी एक करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगी है। वहीं एक अन्य कंपनी पर 85.9 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। इन सभी को 15 दिनों में जुर्माने की रकम को भरना होगा।
बता दें कि पेप्सिको और कोका कोला कोल्डड्रिंक बनाती हैं, जबकि बिसलेरी बोतलबंद पानी का कारोबार करती है। ये सभी प्लास्टिक कचरे के सेगमेंट में आते हैं। कोक के प्रवक्ता ने कहा कि हमें CPCB की ओर से नोटिस मिला है। हम इस ऑर्डर की समीक्षा कर रहे हैं और संबंधित अथॉरिटी के साथ इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे। पेप्सिको ने कहा कि हम प्लास्टिक कचरे के मामले में EPR के तहत पूरी प्रक्रिया का पालन करते हैं।
यह एक्शन इस परिप्रेक्ष्य में लिया गया कि इन कंपनियों ने बोर्ड के र्निर्देशानुसार अपने उत्पादों के प्लास्टिक बोतलों का न तो ठीक से कलेक्शन किया और न ही उनका समुचित निस्तारण। बिसलेरी का प्लास्टिक का कचरा करीब 21 हजार 500 टन रहा है। इस पर 5 हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से जुर्माना लगाया गया है। पेप्सी के पास 11,194 टन प्लास्टिक कचरा रहा है। कोका कोला के पास 4,417 टन प्लास्टिक कचरा था। यह कचरा जनवरी से सितंबर 2020 के दौरान था। EPR का लक्ष्य 1 लाख 5 हजार 744 टन कचरे का था। मालूम हो कि प्लास्टिक कचरों के मामलों में एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (EPR) एक पॉलिसी पैमाना है, जिसके आधार पर प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को उत्पाद के डिस्पोजल की जिम्मेदारी लेनी होती है।