बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा चल रही थी. मंगलवार (9 फरवरी) को इसका विस्तार हुआ. इस विस्तार में बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को भी जगह मिली. उन्होंने उर्दू में शपथ ली. बीजेपी ने बिहार में शाहनवाज को एंट्री कराकर अल्पसंख्यक कार्ड खेला है. इससे बीजेपी का बड़ा फायदा होने वाला है. इससे पहले उन्हें विधान परिषद सदस्य चुना गया था.
विधान परिषद सदस्य सैयद शाहनवाज हुसैन का जन्म 12 दिसंबर 1968 को सुपौल में हुआ. हुसैन ने आइटीआइ से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. सैयद शाहनवाज हुसैन पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वे तीन बार लोकसभा सदस्य (1999, 2006, 2009) रह चुके हैं. इस वर्ष वे इस बार विधान परिषद सदस्य चुने गए हैं. उन्होंने उच्च माध्यमिक शिक्षा सुपौल के विलियम्स हाईस्कूल से पास की. उन्होंने दिल्ली और पटना से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. उन्होंने राजनीति की शुरूआत 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव से शुरू किया और कम उम्र में केंद्रीय राज्यमंत्री बन गए. उन्होंने मानव संसाधन विकास, युवा मामले और खेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का प्रभार संभाला. उन्हें 2001 में कोयला मंत्री के रूप में अलग से प्रभार मिला.
2001 से दूसरी छमाही में नागरिक उड्डयन में कैबिनेट मंत्री के रूप प्रोन्नति मिली. 2003 में उन्हें कपड़ा मंत्रालय का कार्यभार संभाला. 2004 मे चुनाव में वे हार गए. 2006 में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते और 15वीं लोकसभा के सदस्य बने. 2014 के चुनाव में वे यहां से काफी कम अंतर से हार गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में सैयद शाहनवाज हुसैन को कहीं से भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया.
शाहनवाज हुसैन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्र में मंत्री बने थे. उस समय उन्हें सबसे युवा मंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ था. सैयद शाहनवाज हुसैन वर्ष 2014 में भागलपुर लोकसभा में चुनाव हार गए थे. 2019 में उन्हें बीजेपी ने कहीं से भी टिकट नहीं दिया. लेकिन लगातार वे पार्टी के लिए कार्य करते रहे.