Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
आजाद के लिए मोदी का छलका दर्द - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

आजाद के लिए मोदी का छलका दर्द

नई दिल्ली. राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद सहित चार सांसदों का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हुआ। इनमें दो पीडीपी, एक कांग्रेस और एक भाजपा सांसद शामिल हैं। इस लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा को फिर संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गुलाम नबी आजाद की जमकर तारीफ की। एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए तो प्रधानमंत्री भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि किस तरह से उस समय गुलाम नबी आजाद फंसे हुए लोगों की चिंता अपने परिवार के सदस्यों की तरह कर रहे थे। इतना ही नहीं, तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी उनकी मदद की थी।

गुलाम नबी की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। वे उन्हें लेकर इस तरह से चिंतित थे जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। वहीं गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे।’ इस आतंकी घटना का जिक्र करते हुए मोदी कई बार रुके, रोए और आंसू पोंछे, फिर थरथराते शब्दों में कहा- आजाद उस वक्त इस तरह से फिक्रमंद थे, जैसे कोई अपने परिवार के लिए होता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को सच्चा दोस्त बताते हुए कहा, ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी, क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे। ये छोटी बात नहीं बहुत बड़ी बात है। विपक्ष का नेता होने का मोह किसी को भी हो सकता है। गुलाम नबी जी ने बखूबी इस काम को निभाया है।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।’ इन चारों सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है।

Delhi Desk

Recent Posts

गाजा पहुंचे नेतन्याहू, इजरायल-हमास जंग के बीच सैन्य ठिकानों का दौरा किया

दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…

3 days ago

इमोशनल टेंशन से टूटा रहमान का रिश्ता, 29 साल बाद पत्नी सायरा से अलग हुए, लिखा- उम्मीद थी 30 साल पूरे कर लेंगे

मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…

3 days ago

भारत-चीन के बीस सीधी उड़ान शुरू करने पर चर्चा, मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने पर भी G20 में बातचीत

दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…

3 days ago

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

4 days ago